Thursday 18 May 2017

***कान्हा के संग होली** मनाए राधा भोली***

*कान्हा के संग होली** मनाए राधा भोली*

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई

*तू रंग मोहे ऐसा लगाए
गिरधारी मोरे प्यारे
ये तेरी राधा लाल हुई

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई

*माहरी चुनरी के रंग हरजाई
वो खेले रंग पानी
मुरारी संग साँझ हुई

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाली हुई

*भीगी चोली बिरज सतरंगी
मैं हुई मुरलीधर की
वो खेले होली ग्वाल सहित

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाली हुई

*आया फोड़न वो मटकी
ग्वालन की
करे अपने मन की
ग्वालिन बाहर आन लगी

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई

*खेलन रंग अबीर ललन से
राधा सखिन घर से
निकल गलियन से
सुभग बेला आज हुई

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई

*कान्हा की राधा प्यारी
खेले होली न्यारी
चुनरी चोली लाल हुई

*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मेरी लाल हुई….

No comments:

Post a Comment