Saturday 29 December 2018

डॉ. नीरू मोहन ' वागीश्वरी ' की तीन पुस्तकों का लोकार्पण

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना और दीप प्रज्वलन से आरंभ करते हैं और दीप प्रज्वलन के लिए मैं आदरणीय पदम श्री सम्मानित डॉक्टर रमाकांत शुक्ल जी श्री ओम सप्रा जी, समस्त विशिष्ट और सम्मानित अतिथियों , डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी जी और जितेंद्र मोहन जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं कि वह दीप प्रज्वलन की प्रक्रिया में अपना पूर्ण योगदान दें और मां सरस्वती का आशीर्वाद ग्रहण कर करें ।

आज दिनांक 6 जनवरी 2019 रविवार को वागीश्वरी संस्थान के तत्वाधान में डॉक्टर नीरु मोहन वागीश्वरी जी की तीन पुस्तकों का लोकार्पण होने जा रहा है जो अपने आप में एक गौरव का विषय है क्योंकि इंसान माध्यम से लोकार्पण सम्मान समारोह आयोजित हो रहा है जो अपने आप में एक गौरव का विषय है क्योंकि जिस संस्थान के माध्यम से यह लोकार्पण और सम्मान समारोह आयोजित हो रहा है उसकी संस्थापक स्वयं डाॅ. नीरू मोहन वागीश्वरी जी हैं आज सम्मान प्राप्त करना खेल-सा हो गया है लोग पैसा देकर सम्मान प्राप्त कर लेते हैं । ऐसे में वह प्रतिभाएं जो सचमुच सम्मान की हकदार होती है धन के अभाव और अन्य विभिन्न कारणों द्वारा सम्मान प्राप्त करने से वंचित हो जाती हैं ‌। इन्हीं कुछ अहम कारणों के कारण वागीश्वरी जी ने नवा गुरु को समाज के सामने लाने और ऐसी प्रतिभाएं जो सही मायने में सम्मान की हकदार हैं वागेश्वरी संस्थान के माध्यम से एक मंच प्रदान किया है यह मंच सांस्कृतिक साहित्यिक और सामाजिक तीन दिशाओं में कार्य करता है इस मंच से बहुत से ऐसे प्रबुद्ध जन जुड़े हैं जिनके सहयोग और दिशा निर्देश से मंच को एक नई गति प्रदान हुई है । जिसमें अार एस अरोड़ा जी , उज्जवल जी जितेंद्र मोहन जी निधि मुकेश भार्गव जी अंजलि मुद्गल जी विशेष भूमिका रखते हैं । डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी जी  वागीश्वरी संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक और वुमेन पावर सोसाइटी की दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष के रूप में समाज और देश उत्थान में अपनी मुख्य भूमिका रखते हुए एक उदाहरण पेश करती है कि नारी अपने हर रूप में धेर्य , साहस और शक्ति से परिपूर्ण है ।

आज इस मंच के माध्यम से डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी की तीन पुस्तकों का लोकार्पण होने जा रहा है । पद्मांजलि डॉक्टर नीरू मोहन वागेश्वरी ने यह पुस्तक अपनी माताजी स्वर्गीय श्रीमती पदमा देवी जी को समर्पित करी है इस पुस्तक में नारी के समस्त मनोभावों का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया है ।

नवप्रवर्तन यह बाल काव्य संग्रह है । इसमें बच्चों के लिए नए रूप में नई कविताओं का समावेश है । सभी बाल विषयों को बहुत ही बखूबी से कविताओं के रूप में ढाला गया है ।

बूंद-बूंद सागर हाइकु संग्रह यह जापानी काव्यशैली से है । हाइकु लिखना सरल बात नहीं है । 17 वर्णों में अपनी बात को प्रस्तुत करना होता है जो बहुत ही कठिन कार्य है इस कार्य को भी डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी जी ने बखूबी निभाया है  ।यह 800 हाइकु काव्यो का संग्रह है जो सभी विषयों को समेटे हुए हैं ।

डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी जी विलक्षण प्रतिभा की धनी हैं आप हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं और जापानी काव्यशैली की चार विधाओं पर लिखती हैं ।

1. मैं विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ करता हूं
हमारा सौभाग्य है कि आज हमारे बीच पद्मश्री सम्मानित आदरणीय डॉ रमाकांत शुक्ल जी हैं उनका  अभिनंदन करते हुए  डॉक्टर नीरू मोहन वागेश्वरी जी और Shri jitendra Mohan ji ko को आदरणीय रमाकांत शुक्ला जी के सम्मान के लिए आमंत्रित करता हूं ।

2. इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए में आदरणीय ओम सपरा जी सम्मान के लिए नीरू मोहन जी और श्री जितेंद्र मोहन जी को आमंत्रित करता हूं ।

3. Dr avanish ji Jo 
आप केंद्रीय हिंदी निदेशालय की तकनीकी विभाग के अध्यक्ष है उनके सम्मान के लिए मैं
डॉक्टर नीरू मोहन वागेश्वरी और जितेंद्र मोहन जी तो मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

4. सुधाकर पाठक जी
आप हिंदी भाषा अकादमी के अध्यक्ष संस्थापक हैं उनके सम्मान के लिए में डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी जी , जितेंद्र मोहन जी और आर एस अरोड़ा जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

5. आर एस अरोड़ा जी
आप उर्दू की मसूर शायर एडवोकेट एवं कानूनी सलाहकार हैं ।
उनके सम्मान के लिए डॉक्टर मोहन वागेश्वरी जी श्री जितेंद्र मोहन जी और योगेश सनोरिया जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

6. श्री सुभाष चंद्र जी
आप सुप्रसिद्ध वरिष्ठ व्यंग्य, लेखक हैं उनके सम्मान के लिए मैं डॉ नीरु मोहन वागीश्वरी जी, श्री जितेंद्र मोहन जी और सुनील मोहन जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

7. डाॅ हरितिमा चोपड़ा जी
अब तू सम्मान के लिए मैं निर्माण वागेश्वरी जीती सनोडिया जी और निधि मुकेश भार्गव जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

8. डॉ आमना मिर्जा जी
उनके सम्मान के लिए मैं डॉक्टर मोहन वागेश्वरी जी संध्या सब राजी और हिना जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

9. आ. अनुराधा सिंह जी
उनके स्वागत के लिए मैं डॉक्टर नीरु मोहन वागीश्वरी जी, रजनी मोहन जी मंच पर आमंत्रित करता हूं।

10. श्री ओम प्रकाश जी
आप ट्रू मीडिया ग्रुप के मुख्य संपादक है ।
उनके स्वागत के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

11. मनु भारद्वाज जी
आप बेहतरीन शायर है और मांडवी प्रकाशन के प्रकाशक हैं। उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

12. श्री अनिरुद्ध लाल जी
आप भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और अध्यक्ष हैं उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

13. डॉ विजय पंडित जी
आप ग्रीन केयार सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पर्यावरण प्रहरी हैं ।
उनके स्वागत के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

14. श्री सुजीत कुंतल जी
आप भारत उत्थान न्यास कानपुर के अध्यक्ष हैं
उनके स्वागत के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

15. श्री राजेंद्र कपूर जी
आप मंथन फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष और
उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

16. श्री पवन जैन जी
आप आगमन साहित्यिक समूह के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं ।
उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

17. श्री शशिधर शुक्ला जी
आप प्रत्यक्ष भारत साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक है।
उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

18. आदरणीय मोनिका अरोड़ा जी आप वूमेन पावर सोसायटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और समाज सेविका है ।
उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

19. आदरणीय डॉ सुरेशचंद्र शुक्ल शरद जी नार्वे से जो वरिष्ठ साहित्यकार लेखक रचनाकार है और नॉर्वे से ही एक साहित्यिक पत्रिका निकालते हैं अंतरराष्ट्रीय कवि के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए हैं और आज बहुत से शोधार्थी इन पर शोध कार्य कर रहे हैं ।
उनके सम्मान के लिए मैं आ. डॉ रमाकांत शुक्ला जी ओम सप्रा जी, जितेंदर मोहन जी, डॉ नीरू मोहन वागीश्वरी जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

20. विशेष सम्मान के लिए मंच आमंत्रित करता हूं संध्या सभरवाल जी और रेखा शर्मा जी को
मैं नीरु मोहन वागेश्वरी जी जितेंदर मोहन जी और आर एस अरोड़ा जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं कि वह संध्या जी और रेखा जी का सम्मान अंग वस्त्र से करें ।

21. जिनके साथ सहयोग के बिना यह उपलब्धि अधूरी थी वह जो उस ब्रह्म में विलीन हो चुके है श्री चांद मोहन जी उनको धन्यवाद करते हुए श्रीमती पुष्पा देवी जी जो हमारे बीच विराजमान है मंच पर आमंत्रित करता हूं और साथ ही साथ आमंत्रित करता हूं जितेंदर मोहन जी और नीरु मोहन जी को  कि वह माताजी का सम्मान अंग वस्त्र से करें ।

अतिथियों के वक्तव्य
प्रत्येक अतिथि को 3 मिनट

1.आदरणीय डॉ रमाकांत शुक्ला जी
2. श्री ओम सप्रा 
3. श्री सुधाकर पाठक
4. श्री सुभाष चंद्र
5. प्रो. अवनीश कुमार
6. डाॅ. हरितिमा
7. डाॅ .आमना मिर्ज़ा
8. आ. अनु सिंह
9. श्रीओमप्रकाश प्रजापति
10. श्री मनु भारद्वाज
11. डाॅ विजय पंडित
12. श्री सुजीत कुंतल
13. श्री शशिधर शुक्ला
14. आ. मोनिका अरोड़ा
15. श्री अनिरुद्ध लाल
16. श्री राजेन्द्र कपूर
17. श्री पवन जैन
18. श्री आर एस अरोड़ा

दूसरे चरण में

प्रतिभा सम्मान का आरंभ करते हैं ।

1.यश सनोरीया
आपने छोटी सी उमर में ही पढ़ाई के साथ साथ क्रिकेट  में एक विशेष स्थान बनाया  है प्राप्त उपलब्धियों के आधार पर वागीश्वरी संस्थान यश सानोरीया को प्रतिभाशाली छात्र सम्मान
खेलकूद और शिक्षा के क्षेत्र में प्रदान करती है
संस्थान आपके उज्जवल भविष्य की कामना करती है और नीरु मोहन वागेश्वरी जी डॉ रमाकांत शुक्ल जी और ओम सप्रा जी को मंच पर आमंत्रित करती है कि वह यश सनोरिया को सम्मान करें ।

2.अंजलि मुद्गल
अंजलि मुद्गल एक उदाहरण है युवा शक्ति के लिए अंजलि जी मीडिया और जनसंचार क्षेत्र में अपनी एक विशेष पहचान बनाए हुए हैं वहांश्वरी संस्थान की तरफ से अंजलि जी को वागीश्वरी चेतना सम्मान मीडिया और जनसंचार क्षेत्र में प्रदान किया जाता है जिसको देने के लिए मैं रमाकांत शुक्ल जी ओम सप्रा जी मोनिका जी और नीरु जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

3.पंकज कुमार झा
शिक्षण क्षेत्र में विशिष्ट और विशेष उपलब्धियों के आधार पर वागेश्वरी संस्थान की ओर से पंकज कुमार झा को वागीश्वरी प्रभावी शिक्षक सम्मान प्रदान किया जाता हैं पंकज जी को यह समान शिक्षण क्षेत्र में दिया जा रहा है जिसको देने के लिए रमाकांत शुक्ल जी ओम सपरा जी नीरू मोहन जी और हृतिमा जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

4.शिवानी कोहली
आपको वागेश्वरी संस्थान थी ओर से सहित तेने विशेष उपलब्धि के आधार पर वागेश्वरी सहित से रत्न सम्मान से सम्मानित किया जाता है यह समान साहित्य और लेखन क्षेत्र में आपको दिया जा रहा है जिसके लिए मैं मंच पर रमाकांत शुक्ल जी ओम सप्रा जी नीरु मोहन जी और सुधाकर पाठक जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं ।

5.सृष्टि गुलाटी
आप छोटी सी बालिका छोटी सी उमर में विलक्षण प्रतिभाओं की धनी है आपको नृत्य और चित्रकला के क्षेत्र में आपकी विशेष उपलब्धियों के आधार पर वागीश्वरी संस्थान की ओर से बाल विलक्षण प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है । मैं नीरु मोहन जी अनुराधा जी और मोनिका जी को मंच पर आमंत्रित करता हूं

6.डॉक्टर कामिनी जी आपको आपकी विशिष्ट उपलब्धियों के आधार पर वागीश्वरी संस्थान की ओर से वागीश्वरी नारी शक्ति सम्मान से अलंकृत किया जाता है जिसको देने के लिए मैं मंच पर नीरु मोहन वागीश्वरी जी मोनिका जी और आमना मिर्जा जी को आमंत्रित करता हूं ।

7.स्वर्णिम भारत संस्थान
स्वर्णिम भारत संस्थान को समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष
योगदान देने हेतु वागीश्वरी संस्थान की ओर से वागीश्वरी समाज प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया जाता है जिसको प्रदान करने के लिए मैं मंच पर डॉ रमाकांत शुक्ल जी नीरु मोहन जी को आमंत्रित करता हूं ।

8. वूमेन पावर सोसाइटी के सभी सक्रिय सदस्यों को वागेश्वरी संस्थान की ओर से उनकी सक्रियता कर्मठता और समाज सेवी कार्यों में विशेष योगदान हेतू प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्र प्रदान  करके उनको सम्मानित किया  जाता है ।
सम्मान प्राप्त करने हेतु मंच पर आमंत्रित करता हूं आधा पालीवाल जी सीमा यादव जी शिखा जी अंजलि मुद्गल जी दलजीत कौर जी निधि मुकेश भार्गव जी और दीपांशी मोहन जी
सम्मान देने के लिए आमंत्रित करता हूं वूमेन पावर सोसाइटी राष्ट्रीय अध्यक्ष मोनिका जी और वूमेन पावर सोसाइटी प्रदेशाध्यक्ष नीरु मोहन जी को

9.भानु प्रकाश अवस्थी
सराय नौधाना,बकेवर,इटावा 
10. ब्रह्म कुमार मिश्रा
गोहनी,चकरनगर,इटावा
को समाज सेवा के क्षेत्र में उनकी विशेष उपलब्धियों के आधार पर वागेश्वरी समाज पहली सम्मान से सस्ती पत्र और अंग वस्त्र प्रदान करके सम्मानित किया जाता है उनके सम्मान के लिए में मंच पर नीरु मोहन बागेश्वरी जी जितेंद्र मोहन जी और मोनिका जी दिलदार देहलवी जी को आमंत्रित करता हूं  ।






WPS second meeting

‍‌ दिनांक -29-12-10 शनिवार को डब्ल्यू पी एस की मीटिंग दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नीरू मोहन वागेश्वरी जी के निवास स्थान /ऑफिस पर 3:30 से 5:30 बजे तक आयोजित हुई । जिसमें अंजलि जी मीडिया प्रभारी दिल्ली प्रदेश , आभाजी उपाध्यक्ष दिल्ली प्रदेश, शिखा जी और सीमा जी जिला अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश की विशेष भूमिका रही । मीटिंग में संस्थान से संबंधित और सामाजिक हित के कार्यों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया । दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नीरू मोहन वागेश्वरी जी ने मीटिंग में यह घोषणा की कि नए साल में प्रत्येक 2 माह उपरांत संस्थान के द्वारा दिव्यांग बच्चों, गरीब परिवारों और वृद्धाश्रम में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी । जिसमें बच्चों के लिए कपड़े, उपहार, किताबें, कॉपियां । महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन, वृद्धों के लिए जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जाएगा । इसका खर्चा WPS दिल्ली की टीम द्वारा किया जाएगा । साल में दो बार स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया जाएगा । बालिका आश्रम में उनकी जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जाएगा ।

आज दिनांक 29 दिसंबर की मीटिंग में 6 जनवरी को वागीश्वरी संस्थान के तत्वाधान में होने जा रहे  सम्मान समारोह और पुस्तक लोकार्पण के विषय में भी चर्चा हुई । सभी ने एक दूसरे के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किए ।

विशेष सूचना :
आज की मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष नीरू मोहन  वागीश्वरी जी की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि जो भी सदस्य संस्थान के प्रति कर्मठ नहीं रहेगा और अपनी सक्रियता नहीं प्रदर्शित करेगा भविष्य में उनकी पदोन्नति संभव नहीं है । अगले साल उनकी सदस्यता भी रद्द की जा सकती है । दिल्ली में साल में WPS की 6 मीटिंग्स होंगी । मीटिंग में उपस्थित होना अनिवार्य है जो सदस्य उपस्तिथि नहीं होंगे उनकी पदोन्नति नहीं होगी । दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नीरू मोहन वागीश्वरी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मोनिका जी ने यह निर्णय आपसी सहमति से लिया है । डब्ल्यू पी एस से जुड़े हुए प्रत्येक सदस्य को साल में ₹600 फंड के तौर पर दिल्ली कार्यालय के कोषाध्यक्ष को जमा करवाने होंगे । इस फंड का प्रयोग संस्थान के अंदरूनी कार्यों और रखरखाव में किया जाएगा ।

Friday 28 December 2018

कक्षा मॉनिटर

कहानी

कक्षा मॉनिटर


रमेश एक अत्यंत मेधावी छात्र था , उसने इसी वर्ष विद्यालय परिवर्तन करके महानगर के विद्यालय में प्रवेश लिया । रमेश आज्ञाकारी छात्र होने के साथ –साथ बांसुरी वादन में प्रवीण था । रमेश कक्षा आठवीं का छात्र था , उसका विचार वैज्ञानिक बन कर देश की सेवा करने का था । उसका मन-पसंद विषय विज्ञान था ।
पूर्व मे डेविड नाम का छात्र उसकी क्लास में प्रथम आया , उसका सभी शिक्षकों व छात्रों पर रुतबा कायम था , वह हॉकी का बेहतरीन खिलाड़ी था । डेविड को क्लास का मॉनिटर चुना गया , उसके कुछ साथी बुरी संगत के शिकार थे । 
डेविड के इन मित्रों ने डेविड को अपनी बुरी संगत में साथ लेने का प्रयास कई बार किया , किन्तु डेविड पर कोई असर न हुआ , वह पूर्व की भांति अध्ययनशील , संस्कारी , क्लास के प्रति ईमानदार था ।
डेविड और रमेश घनिष्ठ मित्र थे , परस्पर सहानुभूति , सहृदयता उनके आकर्षण का कारण बनी । दोनों मित्र हमेशा अध्ययन से संबन्धित विचार –विमर्श किया करते थे ।
रमेश के माता –पिता चिकित्सक थे , और डेविड के बैंक मैनेजर । दोनों परिवार में मेल –जोल था ।
रमेश , डेविड को बुरी संगत से बचने की राय देता था ।
एक दिन, रमेश , डेविड से मिलकर घर वापस आ रहा था । नयन , मृगांक व शशांक ने उसे कुछ दूरी पर रोक लिया , उसे अपशब्द कहे , व डेविड से दूर रहने की धमकी दी । प्रथम रमेश भयभीत हुआ , किन्तु विनम्रता पूर्वक उसने उनसे रास्ता रोकने का कारण पूछा , उसने उनसे कहा, “ मित्रों, मित्र का मित्र , मित्र होता है” , अत: तुम लोग परोक्ष रूप से मेरे मित्र हो , किन्तु तुम सभी की समस्या से मैं परिचित नहीं हूँ । मैं समय का सदुपयोग करता हूँ, और तुम पर विश्वास करता हूँ । मृगांक , तुम लोग, अध्ययन का सारा समय भौतिक मनोरंजन मे लगाते हो , समय का दुरूयोग करते हो , तुम्हारा भविष्य अंधकार मय हो गया है , पैरों पर खड़े होने के लिए, अपने समय को व्यर्थ मत जाने दो । डेविड और मैं, तुम्हारी समस्याओं का निदान करेंगे । एक अच्छे मित्र की यही पहचान है।
“विचार और व्यवहार परिवर्तनशील होते हैं , देश , काल , परिस्थिति के अनुसार इनमें यथोचित परिवर्तन अवश्य संभावित है ।“
उन , मित्रो के समझ में आ गया था कि , उनके जीवन की दिशा गलत थी । उनकी बुरी आदतों से घर वाले भी परेशान थे , क्योंकि, वे कभी घर पर नहीं रुकते , माता –पिता व अग्रजों की आज्ञा को अनसुना करते , व अक्सर होटलो व रेस्त्रां में भोजन करते थे । वे रोगों से अक्सर ग्रस्त रहते , इस कारण क्लास से अधिकतर अनुपस्थित रहते थे ।
रमेश ने जो सीख अपने मित्रों को दी , उसने उनकी दशा व दिशा दोनों में परिवर्तन किया ।उक्त तीनों मित्र सम्मान पूर्वक रमेश के माता –पिता से मिलते व आज्ञा कारी बच्चों के जैसे व्यवहार करते थे । रमेश से अध्ययन सम्बंधी विमर्श किया करते थे ।
नयन , मृगांक , व शशांक के व्यवहार में आए इस अप्रत्याशित परिवर्तन से उन सब के अग्रज व वयो वृद्ध हैरान थे , उनके मन में डेविड और रमेश के प्रति सम्मान का भाव जागृत हो गया । उक्त तीनों मित्र अपने माता –पिता की आज्ञा का पालन व सम्मान करने लगे । उनका अधिकतर समय विद्यालय के पश्चात घर पर अध्ययन मे बीतने लगा ।

जनपदीय विद्यालयों में , क्रीडा सत्र प्रारम्भ हो चुका था । अंतर जनपदीय विद्यालयों में स्पर्धा शुरू हो गयी । हॉकी टीम का चयन हो गया था , डेविड को कप्तान चुना गया । डेविड व उसके साथियों ने, अच्छा खेल दिखाते हुए फ़ाइनल में प्रवेश किया । फ़ाइनल में , डेविड की टीम का मुकाबला एक अत्यंत मजबूत टीम से था । उसके खिलाड़ी मजबूत कद –काठी के , व खतरनाक खेल के लिए बदनाम थे । रेफरी की चेतावनी के पश्चात भी , वे विरोधी खिलाड़ियों से बुरा व्यवहार करते , व , जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे ।
क्रीडा प्रारम्भ हुई , डेविड, सेंटर फारवर्ड  में अच्छा खेल दिखा रहा था , उसके साथी, अपने खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन कर रहे थे । प्रथम हाफ टाइम में डेविड की टीम 2 =0 से आगे थी । डेविड ने दो गोलदाग कर अपनी टीम को आगे कर दिया । द्वितीय हाफ मे विपक्षी खिलाड़ियों का खेल पलटा , वे आक्रामक हो गए । डेविड को मार्क करने के साथ उसे चोटिल करने का प्रयास कर रहे थे , अचानक विपक्षी खिलाड़ी की स्टिक डेविड के बाएँ पैर पर ज़ोर से लगी , डेविड मैदान पर गिर पड़ा । रेफरी ने खेल कुछ समय के लिए रोका । डेविड के बाएँ पैर मे फ्रेक्चर हो गया था , उसे मैदान से बाहर जाना पड़ा । विपक्षी खिलाड़ी को अगले सत्र के लिए निलम्बित कर दिया गया । डेविड की टीम मात्र दस खिलाड़ियों के साथ खेल रही थी , खिलाड़ियों में जोश के साथ –साथ रोष था , उन्होने, विपक्षी टीम पर ज़ोर दार हमला बार –बार बोलकर , अंतत : स्कोर 3 =0 कर मैच को पूरी तरह अपने पक्ष मे मोड़ दिया । रेफरी की सीटी बजी , डेविड का स्कूल, प्रथम बार चैम्पियन घोषित हुआ । खेल प्रांगण हर्ष उल्लास से गूँजने लगा ।
डेविड का रमेश के पिता ने, उपचार किया , डेविड को पूर्ण तया ठीक होने में , तीन महीने लगे , किन्तु मित्रों के सहयोग से उसके अध्ययन में कोई कमी बाकी न रही , उसे अपने मित्रों पर प्रथम बार गर्व की अनुभूति हुई थी ।
“खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदलता है ।“यह कहावत डेविड के मित्रों पर चरितार्थ हो गयी थी । अच्छी संगत से कुसंगत का हृदय परिवर्तन किया जा सकता है , यही सच्चे मित्र की पहचान है ।


Saturday 22 December 2018

आकाश एक बात बताओ

हा हा पूछो सौम्या
आज तो मैं तुम्हारे सारे सवालों के जवाब दूंगा ।
कभी-कभी तो मुझे भी मौका मिलना चाहिए न

आकाश…तुम कभी मेरी बात के लिए सीरियस होगे या नहीं

अच्छा बोलो

आकाश एक बात बताओ…
घड़ी की सुइयां वही, घड़ी वही,
समय वही, सूरज, चांद, तारे वही
दिन और रात भी वैसे ही
फिर साल नया क्यों भई ?
मुझे आज तक यह समझ नहीं आया
हम सब वही हैं … सिर्फ 12 महीने 365 दिन समाप्त
तो चलो नया साल  मनाओ

तुम सही कह रही हो सौम्या इसलिए तुम्हारी रोटी कभी गोल नहीं बनती क्योंकि उसमें भी तो गणित ही लगाना पड़ता है न

आकाश
क्या आकाश छोड़ो न नए साल पर हम भी कुछ नया करते हैं । चलो आज ये तकरार यहीं छोड़ते हैं और नए जोड़ों को एक मधुर संगीत सुनाते हैं और हम भी खो जाते हैं अपने ख्वाबों की दुनिया में

गाना शुरू होता है

सौम्या… सौम्या कहां हो यार
सो गईं या खो गईं

आकाश बस तुम भी न…
मैं नहीं दिखाई दूं तो बस बेसबरे हुए जाते हो

क्या है ? बोलो

कुछ नहीं सौम्या
बस गाना सुनकर कुछ याद आ गया ।
आकाश कुछ-कुछ तो मुझे भी याद आया ।

तुम्हें याद है आकाश जब मैं तुमसे रूठ जाती थी तो तुम कैसे मनाते थे

हां यार
सच्ची यार
मनाता था

क्या सच्ची
बताओ तो सही

अरे सौम्या यह भी कभी मैं भूल सकता हूं

तो बताओ तुम मुझे कैसे मनाते थे

सौम्या मैं तुम्हें मनाता था…मनाता था… मनाता था…

हां हां कैसे मनाते थे …

तुम्हारी जली हुई रोटियों की तारीफ़ करके ।

चलो जाओ मैं तुमसे नहीं बोलती ।

बस अब चेलेंज देती हूं
जीत सको तो जीत लो हम नारी शक्ति से

क्यों नारी शक्ति …तैयार हो

अब मैं चलती हूं आप सभी को त…

क्या तबेले में

नहीं आकाश तंबोला खेलाने
क्योंकि मेरी और तुम्हारी नोकझोंक तो खत्म होने वाली नहीं है तो अपने साथ - साथ इन सभी को क्यों बोर किया जाए ।

तंबोला

खेल का परिणाम जो भी रहा
नर से बढ़कर नारी है
नर की नहीं अब चलने वाली है
क्यों सही कहा न…

सौम्या तुम कब से शेरो शायरी करने लगीं ।

बस जब से दिल हारी

किस पर
कौन है वो

वो … वो जो मुझे सताता है
मेरी रोटी को टेढ़ी-मेढ़ी बताता है
जली हुई रोटियां भी खाता है
कुछ-कुछ तुम्हारे जैसा दिखता है

सौम्या तुम मुझे कितना प्यार करती

Monday 3 December 2018

बढ़ते कदमों का कारवां

नीरू मोहन 'वागीश्वरी' … बढ़ते कदम

पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह

बढ़ते कदमों की थाप तले वागेश्वरी संस्थान का प्रथम प्रयास आपके नाम …
आज साहित्य के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में सक्षम नीरू मोहन 'वागीश्वरी का नाम चर्चित नामों में लिया जाता है । वागीश्वरी जी विलक्षण प्रतिभा संपन्न, स्त्री चेतना और शक्ति की जीती जागती मिसाल हैं । उनका लेखन हिंदी साहित्य की अनेकों विद्याओं को समेटे हुए हैं जिसमें मुक्तक, कविता (छंदयुक्त और छंदमुक्त), कुंडलियां, लेख/आलेख, शोध, समीक्षा, नाटक, नुक्कड़ नाटक, आलोचना, भाषण और संवाद इत्यादि मुख्य हैं । उनकी पकड़ हिंदी साहित्य में ही नहीं अपितु जापानी काव्य शैली… हाइकु, तांका, चोका और रेंगा पर भी खूब है ; जिन्हें लिखना अपने में ही एक कला है । उनका कहना है कि "व्यक्ति की पहचान उसके कार्यों से होती हैं नाम से नहीं" कहने को तो हजारों पथिक एक ही पंथ से होकर गुजरते हैं परंतु अपना नाम, पहचान और निशान वहीं छोड़ जाते हैं जो कुछ अलग करते हैं ।

नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जिनके नाम में ही रोशनी, भगवान कृष्ण और विद्या की देवी विद्यमान हो यानी सरस्वती हो, उनके लिए क्या कहा जा सकता है। जिनके नाम में ही सत्य, शालीनता, मिठास, मोहकता, आकर्षण यह सब एक साथ हो तो क्या कहने। नीरू मोहन जी का कार्यक्षेत्र लेखन और शिक्षण रहा है और अंतिम स्वास ही अपने लेखन और शिक्षण को जारी रखना चाहती हैं। इनका मानना है कि समाज में हो रहे गलत कामों के प्रति आवाज उठाने का एक बहुत सशक्त माध्यम है कलम, और वह इसका बखूबी  इस्तेमाल कर भी रही है ,और आज साहित्य जगत में एक जाना माना नाम भी है। अपनी कहानियों, लेखों, कविताओं के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों को मिटाने की कोशिश करती रहती हैं, और समाज में जनचेतना का कार्य निरंतर करती चली आ रही है। नीरू जी का व्यक्तित्व ऐसा है कि वह अपने निदंको, आलोचकों को भी अपना गुरु मानती हैं । वह उन सब का धन्यवाद करती हैं कि जिन्होंने उन्हें हतोत्साहित किया, क्योंकि उन्होंने उनकी नकारात्मकता को अपनी प्रेरणा शक्ति बनाया और उसी को आलंबन बनाकर आगे बढ़ कर दिखाया । वे अपनी उपलब्धियों को अपना सर्वस्व मानती हैं तथा उन्हें हमेशा से ही अपने जीवन  के रंगीन अध्याय मानती हैं। उनकी मां 'पदम देवी' जी का आशीर्वाद है जो उन्हें जीवन की कठिनाइयों से जूझने की शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है जिससे उनके कार्यों में आई हर बाधा ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद से समाप्त हो जाती है । कामकाजी भारतीय नारी के जीवन में कामकाजी और गृहस्थ जीवन में बहुत-सी मुसीबतें आती हैं जिनको शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद यदि कोई स्त्री समाज में एक मुकाम हासिल करती हैं तो निश्चय ही वह वंदनीय है।

नीरू मोहन जी, वागेश्वरी साहित्य सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान की संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं । इसी संस्थान के तत्वावधान में 6 जनवरी 2019 को हिंदी भवन आई टी ओ दिल्ली में इनकी एक साथ तीन पुस्तकों का विमोचन और सम्मान समारोह देश के सुविख्यात साहित्यकारों, समाजसेवी और अन्य लोकप्रिय गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में होगा ।
पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह में देश के जाने-माने साहित्यकार, शिक्षक, समाजसेवी और अनेकों ऐसी विलक्षण प्रतिभाएं शामिल हैं जो अपनी उपस्थिति से समारोह को रोशन करेंगे और संस्थान के लिए मील का पत्थर साबित होंगे जिससे संस्थान को एक नई दिशा मिलेगी । नीरू जी साहित्य लेखन के साथ-साथ समाज सेवा का भी कार्य करती हैं । वह अनेक ऐसी संस्थाओं से जुड़ी हैं जो समाज के उत्थान के लिए कार्य करती हैं । उनकी संस्था भी तीन स्तरों पर कार्य करती है… साहित्य,संस्कृति और सामाजिक ।

नारी शक्ति और ऊर्जा की सशक्त उदाहरण नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जी ने यह सफर अकेले शुरू किया था जिसमें उनका साथ हर कदम पर उनके पति श्री जीतेन्द्र मोहन जी और उनके दो बच्चों ने दिया आज उनके साथ उनके परिवार वालों का ही साथ नहीं बल्कि आज उनके साथ हजारों ऐसे लोग हैं जो उनके लेखन और अन्य कार्यों को सराहते हैं और प्रत्येक मोड़ पर उनका साथ देते हैं , उनके शुभचिंतकों की सूची बहुत लंबी है। आज सोशल मीडिया पर  4000 से भी अधिक पाठक उनका अनुकरण करते हैं । पाठकों और शुभचिंतकों के प्रोत्साहन से ही उनको और अधिक अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है । वह कहती हैं कि शिक्षण और लेखन अंत तक उनके साथ रहेगा वह इसे छोड़ नहीं सकती । उनका कहना है कागज़, कलम और शब्द उनके मित्र हैं

वागीश्वरी संस्था का मुख्य उद्देश्य नवांकुर साहित्यकारों/ लेखकों/ शिक्षकों को अवसर प्रदान करना है जिससे वह अपनी प्रतिभा को आगे ला सकें और समाज में अपना स्थान बना सकें । अक्सर देखा गया है कि  अनुभवी लोगों की अनगिनत उपलब्धियों के कारण युवा विलक्षण प्रतिभाएं पीछे रह जाती हैं , तो कम से कम उन्हें शुरूआत का मौका मिलना चाहिए जिससे वह भी समाज के सामने अपने कृत्य ला सकें । फेसबुक पर आज कल पैसे देकर सम्मान बटोरने का सिलसिला बड़ी तेज़ी से चल रहा है; जितना मैंने अनुभव किया है उसके आधार पर कहीं न कहीं ये अनुचित है सम्मान प्राप्त करना और बटोरना दोनों अलग - अलग बातें हैं । पैसे देकर सम्मान बटोरने की स्थिति में हम भूख मिटा रहे हैं और प्रतिभा द्वारा प्राप्त करने की स्थिति में संतुष्टि प्राप्त कर रहे हैं ।

वागीश्वरी संस्थान के बढ़ते कदम नवांकुर प्रतिभाओं को सामने लाने  के लिए उठाया गया है । इन सम्मानों के लिए किसी भी प्रकार की सहयोग राशि देय नहीं है । प्राप्त आवेदनों के आधार पर नियमों को ध्यान में रखते और पारदर्शिता को अपनाते हुए विलक्षण प्रतिभा संपन्न प्रतिभाशाली ही सम्मानित किए जाएंगे ।
सम्मान समारोह वागीश्वरी संस्थान के तत्वावधान में नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जी की तीन पुस्तकों के लोकार्पण और सम्मान समारोह में 6 जनवरी 2019 रविवार को हिंदी भवन आई टी ओ दिल्ली  में आयोजित होगा । पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह के साथ - साथ बुक स्टाल कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएगा ।

बढ़ते कदमों की थाप तले … चलते चलो
कारवां बनता जाएगा ।

नीरू मोहन 'वागीश्वरी'