Thursday 18 May 2017

*अपनी संस्कृति को पहचानो* जागो ! हिंदुओं जागो !

*अप्रैल फूल कहने से पहले
वास्तविकता इसकी क्यों नहीं
जान रहे हो ?
पावन महीने की शुरुआत को
मूर्खता दिवस कहकर
क्यों मना रहे हो ?

*चलता आ रहा है, जो सदियों से उसको बदल दो आज |
ईसाईयत की देन है जो उसका अस्तित्व ही खत्म कर दो आज |

*मूर्खता का ताज,
उसने पहनाया है जो |
उस ताज को मिट्टी में दफन कर दो आज |

*याद रखो सिर्फ इस माह से जुड़े
कुछ ऐतिहासिक दिन और त्योहार | तभी तुम कर पाओगे मूर्खता दिवस अप्रैल फुल का सर्वनाश |

*हिंदुओं का पावन महीना इस दिन से शुरू हो जाता |
हिंदुओं के रीति-रिवाज इस दिन के कैलेंडर के अनुसार बनाया जाता |

*दिन यह दुनिया को दिशा देने वाला समझा जाता |
फिर क्यों इसे अप्रैल फूल कह कर मनाया जाता |

* गुलाम मानसिकता का सबूत न दो 'अप्रैल फूल' कह कर के |
उन्होनें बनाया मजाक हमारा हमें मूर्ख कह कर के |

*क्यों तुम अपनी संस्कृति का मजाक उड़ा रहे हो ?
क्यों तुम आज 'अप्रैल फूल डे' मना रहे हो ?

*जागो हिंदुओं , जागो
अपने धर्म को पहचानो |
अपनी संस्कृति को न यूँ
शर्मसार करो |
'अप्रैल फूल डे' मना कर
इसे न यूँ बर्बाद करो |

* हिंदु संस्कृति है हमारी अनमोल धरोहर |
इसका सिर्फ तुम सम्मान करो |

*'अप्रैल फूल डे'को त्याग कर हिंदुत्व का सम्मान करो|
1 अप्रैल से सिर्फ हिंदु नव वर्ष की शुरुआत करो |

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