Thursday, 16 November 2017

आत्म अभिव्यक्ति

बचपन जीवन का आईना है । बचपन रेत का घरौंदा है । बचपन तारों का झुरमुट है । बचपन सागर से मिला रतन है । बचपन सीप का मोती है । बचपन दीपक की ज्योति है , जो अपनी अटखेलियों से पूरे घर में रौनक और रोशनी फैलाता है । बचपन एक सुखद लम्हा है जो याद आता है तो मुँख पर मुस्कान फैलाता है । इस पुस्तक में नई कविताओं के माध्यम से कुछ नया करने की कोशिश की है । आज बच्चों के लिए उत्कृष्ट साहित्य उपलब्ध नहीं है और लेखक भी बच्चों के लिए कलम कम ही उठाते हैं । आज बाल साहित्य ओझल होता जा रहा है । बच्चों के लिए पढ़ने की सामग्री नहीं है और जो है वह भी पुरानी हो चली है । आज बच्चे नया चाहते हैं । इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को कुछ अच्छा साहित्य देने की कोशिश की गई है ।
4 से लेकर 14 साल तक के बच्चों के लिए पढ़ने हेतु सामग्री को एक ही पुस्तक में संजोया है , जिसमें कविताओं के साथ-साथ व्याकरण संबंधी ज्ञान भी उपलब्ध है । ज्ञातव्य है कि हमारे नौनिहालों को व्याकरण संबंधी बहुत कठिनाई होती है । मेरी कलम ने उनकी इस परेशानी का कुछ हद तक हल निकाला है और एक नए काव्यात्मक रूप में व्याकरण का कुछ अंश इस पुस्तक के माध्यम से उनके समक्ष प्रस्तुत किया है । ईश्वर की अनुकंपा रही तो भविष्य में बच्चों के लिए उत्कृष्ट साहित्य सामग्री लाने की मेरी कोशिश रहेगी ।

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