Wednesday, 8 November 2017

सायली छंद

*विधा परिचय*
विधा : सायली
शैली : गद्य
विधान : पाँच पंक्तियों में इसे लिखा जाता है, जिसमे क्रमशः
1-प्रथम
2 द्वितीय
3 तृतीय
2 चतुर्थ
1 पंचम

शब्द लिखे जाते है ।

*कविता भावयुक्त हो*
एक नयी काव्य विधा "सायली" के बारे में. ..

सायली एक पाँच पंक्तियों और नौ शब्दों वाली कविता है | मराठी कवि विशाल इंगळे ने इस विधा को विकसित किया हैं | बोहोत हि कम वक्त में यह विधा मराठी काव्यजगत में लोकप्रिय होकर कई अन्य कवियों ने भी इस तरह कि रचनायें रची है |

नियम आसान हैं. ..
◆ पहली पंक्ती में एक शब्द
◆ दुसरी पंक्ती में दो शब्द
◆ तिसरी पंक्ती में तीन शब्द
◆ चौथी पंक्ती में दो शब्द
◆ पाँचवी पंक्ती में एक शब्द
और
◆ कविता आशययुक्त हो |

इस तरह से सिर्फ नौ शब्दों में रचित पूर्ण कविता को सायली कहा जाता हैं |
यह शब्द आधारित होने के कारण अपनी तरह कि एकमेव और अनोखी विधा है |

हिंदी में इस तरह कि रचनायें प्रथम शिरीष देशमुख इनकी कविताओं में नजर आती हैं |

उदा.

इश्क
मिटा गया
बनी बनायी हस्ती
बिखर गया
आशियाँ..

तुझे
याद नहीं
मै वहीं बिखरा
छोडा जहां
तुने..

प्यार
करते रहें
मीठी मीठी बातें
लुभाती रही
हमें ।

प्रेम
कुछ ऐसा
था कि होश
ही नहीं
हमें ।

आशिकी
हर कदम
नशा बढ़ता रहा
मजा था
ऐसा ।

इश्क
ना होता
जीवन रंगहीन होता
सारा संसार
उदास ।


धार छंद
शिल्प
[मगण लघु]
(222   1)
4 वर्ण प्रति चरण,
4 चरण,
2-2 चरण समतुकांत

कान्हा संग,
राधा रंग।
देखे नैन,
खोये चैन

मेरे मीत,
तेरे प्रीत।
गाये गीत,
मेरी जीत।

ढूंढे नैन,
मैं बेचैन।
तेरी प्यास
जागे आस

लेते नाम,
होते काम ।
तू है खास,
मेरे पास।

चारों धाम,
राधेश्याम।
मेरो साथ,
तेरो हाथ।।
अज्ञात

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