Tuesday, 7 November 2017

मुलायम सिंह यादव ( लेख )


 'समाजवादी पार्टी' के नेता मुलायम सिंह यादव पिछले तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह ने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से ही अपना राजनीतिक सफर आरम्भ किया था।  भारतीय भाषाओं, भारतीय संस्कृति और शोषित पीड़ित वर्गों के हितों के लिए उनका अनवरत संघर्ष जारी रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को 28 मई, 2012 को लंदन में 'अंतर्राष्ट्रीय जूरी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। ज्ञातव्य है कि मुलायम सिंह यादव ने विधि क्षेत्र में ख़ासा योगदान दिया है। समाज में भाईचारे की भावना पैदाकर मुलायम सिंह यादव का लोगों को न्‍याय दिलाने में विशेष योगदान है। मुलायम सिंह यादव जी देवगौड़ा व इन्द्र कुमार गुजराल मंत्रालयों में रक्षामंत्री 01 जून, 1996 से 19 मार्च, 1998 तक रहे। उन्होंने कई ऐतिहासिक काम किये। अपने अल्पकार्यकाल में भी नेता जी ने जो काम किये वो आज तक कोई और रक्षा मंत्री नहीं कर पाया इसीलिए तो मुलायम सिंह यादव भारतीय सेना के बीच रक्षा मंत्री के सबसे पहली पसंद माने जाते है । उनके आने से पूर्व सैनिक की अंत्येष्टि बैरक में कर दी जाती थी। सिपाही की विधवा पति के अंतिम दर्शन तक से वंचित रहती थी। मुलायम जी ने व्यवस्था दी कि शहीद का शव उसके घर भेजा जायेगा, सिर्फ टोपी भेजना उसकी शहादत व सेवाओं का मजाक है। उन्होंने कहा- अंग्रेजों की हुकूमत के समय का यह रिवाज नहीं चलेगा। सैनिकों और उनके परिजनों ने नेताजी को उनके इस पुनीत कार्य के लिये उन्हें बहुत दुआएँ दी हैं। 
उन्होंने सैनिकों का सेवाकाल बढ़वाया । ऊँचे पर्वतों पर तैनात सैन्य कर्मियों का भत्ता बढ़ाकर 7 हजार कर दिया । सैन्य कर्मियों को मरणोपरान्त 65 हजार रुपया दिया जाता था, मुलायम जी ने 7 लाख रुपया करवाया। तत्कालीन वित्तमंत्री इस प्रस्ताव को मान नहीं रहे थे तो इन्होंने प्रधानमंत्री से जिद करके राशि बढ़वा ली ताकि सिपाही पर आश्रित उसके परिजन सर उठाकर जी सकें, उन्हें किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े।
मुलायम सिंह पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इनमें पहला नाम "मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार" का है जिसे अशोक कुमार शर्मा ने सम्पादित किया था । प्रधानमंत्री पद की दौड़ में वे सबसे आगे खड़े थे, किंतु उनके सजातियों ने उनका साथ नहीं दिया। मुलायम सिंह की पहचान एक धर्म निरपेश नेता की है । उत्तर प्रदेश मे उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी माना जाता है ।उत्तर प्रदेश की जनता मुलायम सिंह को प्यार से नेता जी कहती है।
रचनाकार - नीरू मोहन

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