गुड़िया को थी भूख लगी ।
बोली मम्मी क्या है बनाया ।
दे दो मुझको झट से अभी ।
मम्मी बोली साग बनाया ।
खा ले गुड़िया गरम है अभी ।
मक्का की रोटी के संग में ।
गुड़ घी शीर है मीठे में ।
ताकत भी आएगी इससे ।
बल-बुद्धि भी तेज बनेगी ।
जब मैं तेरे जैसी थी ।
सरदी के मौसम में मैं भी ।
ये ही सब कुछ खाती थी ।
मम्मी का अपनी बेटी मैं ।
सारा कहना मानती थी ।
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