** क्यों मेरा परित्याग किया **
पूछूँ एक सवाल मैं तुमसे
ऐ मेरे श्रीराम…
क्यों मेरा परित्याग किया
क्यों मुझको संताप दिया ।
राजधर्म निभाया था या
राजगद्दी, राज बचाया था ।
पूछूँ एक सवाल मैं तुमसे
ऐ मेरे श्रीराम…
भूल गए थे क्या ये तुम कि
पति थे अपनी सिया के तुम ।
सीता की अग्नि परीक्षा का
प्रश्न क्यों मन में घिर आया था ।
पूूछूँ एक सवाल मैं तुमसे
ऐ मेरे श्रीराम…
संभाल अयोध्या का राज-काज
मेरा क्यों परित्याग किया ।
एक धोबी के कहने पर क्यों
अपने अंग को त्याग दिया ।
पूछूँ एक सवाल मैं तुमसे
ऐ मेरे श्रीराम…
धर्म निभाया पतिव्रता का
फिर क्यों यह दुख दर्द दिया ।
एक गर्भवती प्राण प्यारी को
अपने से यूँ दूर किया ।
पूछूँ एक सवाल मैं तुमसे
ऐ मेरे श्रीराम…
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