Friday 21 September 2018

मंथन नारी शक्ति सम्मान

किसी भी व्यक्ति के "शख्स से शख्शियत" बनने की यात्रा है कोई भी  अवॉर्ड , पुरस्कार या  सम्मान, और जब उसे कोई विशिष्ट पद या सम्मान ,देश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा किसी विशिष्ट कार्यक्रम में प्रदान किया जाता है तो इस सम्मान में चार चांद लग जाते हैं।  यह उन्हीं व्यक्तियों को मिलता है जो साधारण से असाधारण बनने की शक्ति, जज्बा, जुनून,  प्रतिभा और हौसला रखते हैं।

"मंथन नारी शक्ति अवार्ड" इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है।

नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जिनके नाम में ही रोशनी, भगवान कृष्ण और विद्या की देवी विद्यमान हो यानी सरस्वती हो, उनके लिए क्या कहा जा सकता है। जिनके नाम में ही सत्य, शालीनता, मिठास, मोहकता, आकर्षण यह सब एक साथ हो तो क्या कहने। नीरू मोहन जी का कार्यक्षेत्र लेखन और शिक्षण रहा है और अंतिम स्वास ही अपने लेखन और शिक्षण को जारी रखना चाहती हैं। इनका मानना है कि समाज में हो रहे गलत कामों के प्रति आवाज उठाने का एक बहुत सशक्त माध्यम है कलम, और वह इसका बखूबी  इस्तेमाल कर भी रही है ,और आज साहित्य जगत में एक जाना माना नाम भी है। अपनी कहानियों, लेखों, कविताओं के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों को मिटाने की कोशिश करती रहती हैं, और समाज में जनचेतना का कार्य निरंतर करती चली आ रही है। नीरू जी का व्यक्तित्व ऐसा है कि वह अपने निदंको, आलोचकों को भी अपना गुरु मानती हैं ।वह उन सब का धन्यवाद करती हैं कि जिन्होंने उन्हें हतोत्साहित किया, क्योंकि उन्होंने उनकी नकारात्मकता को अपनी प्रेरणा शक्ति बनाया और उसी को आलंबन बनाकर आगे बढ़ कर दिखाया ।वे अपनी उपलब्धियों को अपना सर्वस्व मानती हैं तथा उन्हें हमेशा से ही अपने जीवन  के रंगीन अध्याय मानती हैं। कामकाजी भारतीय नारी के जीवन में कामकाजी और गृहस्थ जीवन में बहुत सी मुसीबतें आती हैं जिनको शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद यदि कोई स्त्री समाज में एक मुकाम हासिल करते हैं तो निश्चय ही वह वंदनीय है। इसके लिए हम नीरू जी को हार्दिक बधाई देते हैं।

हम नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जी  को "मंथन नारी रत्न अवार्ड" प्रदान करने हेतु गौरवान्वित है एवं अवार्ड प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं प्रदान करते हैं ।
हम ईश्वर से उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

भाव, विचार प्रस्तुति
  डॉ विदुषी शर्मा

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