विषय- नवरात्रि /नौ देवियाँ
रचनाकार -नीरू मोहन
विद्या - तांका पूर्ण करती रेंगा काव्य शैली
* माँ का वास हो
संकटों का नाश हो
संपूर्ण धरा
सुख शांति संचार
नवरात्रि त्योहार
* नव दुर्गा के
पवित्र नौ स्वरुप
स्त्री जीवन है
इनसे परिपूर्ण
मनोकामना पूर्ण
*जन्मी कन्या है
शैलपुत्री स्वरूप
पूजती धरा
कौमार्य अवस्था है
ब्रह्मचारिणी रूप
*विवाह पूर्ण
चंद्रमा के समान
निर्मल सुता
चंद्रधरा समान
दो आदर सत्कार
* जन्म देती है
जीव भू पर
गर्भधारणी
कष्मांडा स्वरूप
धरती खुशहाल
* मैया प्यारी है
ममता की खान
पालनहार है
संतान जन्म बाद
स्कंदमाता स्वरूप
* स्त्री जो करती
संयम व साधन
धारण स्वयं
कात्यायिनी स्वरूप
सम्मान दो संपूर्ण
* अपना संकल्प
धारण करती है
पति रक्षिणी
सुहाग बचाकर
कालरात्रि स्वरूप
* कुटुंब भांति
संसार उपकार
करती जाए
महागौरी स्वरूप
धरा पर आ जाए
* नवाँ स्वरूप
सिद्धिदात्री अंबे माँ
जीवन साधे
कामना पहले ही
सब कुछ दे जाए
* नवरात्रि में
सद्कर्म करे जो
माँ नजदीक
तन-मन-धन दे
नवरात्रि सफल ।।।।
No comments:
Post a Comment