Thursday, 1 June 2017

*व्याकरण प्रवाह** सुगम सरल व्याकरण बोध** भाग-1

छंदयुक्त और छंदमुक्त कविताओं के माध्यम से हिंदी व्याकरण को सुगम और सरल बनाने का अथक प्रयास | इस पृष्ठ पर हिंदी व्याकरण के पाठों का काव्य सृजन उपलब्ध है | छात्रों की हिंदी व्याकरण से संबंधित कठिनाइयों का हल कविताओं के माध्यम से किया गया है जिसके माध्यम से छात्र हिंदी व्याकरण के ज्ञान को शीघ्र और सरलता से आत्मसात कर सकते हैं |

पाठ- १

भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण

*****भाषा*****

भाषा के हैं दो ही रूप
मौखिक लिखित इसका स्वरूप
मौखिक है अस्थाई भाषा
जिसमें वाचन कौशल आता ||

लिखित स्थाई भाषा कहलाती
लेखन की हर विद्या इसमें समाती 
पुस्तके,समाचार पत्र,पत्रिकाएँ
लिखित प्राप्त सभी हो पाएँ ||

****हिंदी भाषा****

जनभाषा के रूप में मान्यता
 हिंदी ने ही पाई

राजभाषा, राष्ट्रभाषा और संपर्क भाषा 
हिंदी ही कहलाई

अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप में मान्यता
इसने पाई

हिंदी भाषा जन-जन ने
अपनाई ||

****हिंदी साहित्य****

हिंदी भाषा का सागर
हिंदी साहित्य कहलाता
गद्य, पद्य विद्या में रचा है जाता

सामान्य भाषा में गद्य पाया जाता
पत्र, लेख, संस्मरण है इसमे आता

काव्य शैली लिए जब होता है पद
पद्य साहित्य का स्वरूप बनाता

दोहा,पद,छंद और कविता
बढ़ती इनसे इसकी शोभा ||

****लिपि****

'इक' प्रत्यय से हुआ सृजन
जिसका है अर्थ 'लिखित अक्षर'

लिखने का ढंग लिपि कहलाया
मौखिक का लिखित रूप है पाया

ध्वनि चिह्न सब साथ में मिलकर 
देवनागरी लिपि में
हिंदी भाषा का स्वरूप उभर आया ||

****बोली****

'बोली' सीमित क्षेत्र में बोली जाती 
लिखित रूप,साहित्य में नहीं समाती

वृह्द क्षेत्र में उपभाषा प्रयोग में आती
साहित्य रचना भी इसमें की जाती

अनेक बोलियों को लेकर साथ
उपभाषा का हुआ विकास ||

****व्याकरण****

शुद्ध लिखने, बोलने, पढ़ने का
बोध कराता
नियमबद्ध भाषा शास्त्र है कहलाता
तीन भाग में बाँटा यह जाता
वर्ण-विचार,वाक्य-विचार
और शब्द-विचार इसमें समाता
भाषा के नियमों की जानकारी प्राप्त हो जिससे
वह शास्त्र हिंदी व्याकरण कहलाता ||

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