Thursday 1 June 2017

***मन हुआ मगन प्रकृति संग***जापानी काव्य शैली-चोका

जापानी कविता शैली -चोका
*5 और 7 वर्णों की आवृत्ति
*जापानी काव्य विद्या में महाकाव्य की कथा- कथानक शैली
*नियम- 5+7+5+7+5+7+5+7............और अंत में +7 का एक ताँका जोड़ दिया जाता है पंक्तियों का योग सदा विषम संख्या में यानी 25 27 29 31 इत्यादि ही होता है |

****कविता***
*मन हुआ मगन प्रकृति संग*
*मन प्रसन्न
हुआ यह मगन
विहग नभ
करते विचरण
शाम सुहानी
विलीन दिवाकर
प्रकृति शोभा
नभ तल चाँदनी
तटिनी जल
जन-जीवनदानी
चाँद शीतल
रजनी मतवाली
तारे चमके
जगमग गगन
क्षीर्ण नयन
छाई घोर कालिमा
जड़ मस्तिष्क
उमड़ता औत्सुक्य
नवप्रभात
प्रकट प्रभाकर
उषा किरण
आई सुभग बेला
आदि न अंत
सृष्टि नवसृजन
नमन-ही-नमन
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