१• हौंसले बुलंद हैं तो जीत निश्चित है ।।
२• जो मन से हार मान लेते हैं वह जीवन में सफल नहीं हो पाते ।।
३• हमारा उच्चारण नहीं
उच्च-विचार और उच्च-आचरण
हमें श्रेष्ठ बनाता है ।।
४• ऊँचे कुल में जन्म लेने से कोई ऊँचा नहीँ बनता ।
आप के कर्म ही आप को ऊँचा बनाते हैं ।
५• वाणी की मधुरता
परायों को भी अपना
बना लेती है-------- और शब्दों की कटुता
परायापन ला देती है ।।
६• राही के लिए रास्ता अनुगामी है जो उसे मंजिल तक पहुँचाता है मगर रास्ते का चुनाव राही को स्वयं ही करना होता है ।।
जब रास्ते सही होते है तब मंज़िल दूर नहीं होती ।।
७• जीवन एक वृक्ष के समान है इसे जितना पोषित करोगे उतना ही उत्कृष्ट फल पाओगे ।।
८•भू
प्रभु
की धरा
शीतल-सा
लिए आँचल
गंगधार बहा
पाप कर विनाश
नवसृजन किए जा
जग निर्मल किए जा
लिए अपने साथ
सुर राग ताल
जीवन मेरा
सुरीला
किए
जा
९• सामने वाला आपको तब तक मूर्ख नहीं बना सकता जब तक वह आपके अंदर की कमजोरी को नहीं समझता । जिस दिन वह आप की कमजोरी को भांप लेता है उस दिन आपकी सबसे बड़ी हार होती है । इसलिए अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर दूसरों के सामने प्रकट करो जिससे सामने वाला आपकी कमज़ोरी का फायदा न उठा पाए ।
११• जीवन में अब सुकून चाहिए ।
मर-मर के रोज़ जिये हैं ,
अब पाक रूह चाहिए ।
मतलबी यहाँ लोग ,
मतलब हो बात करते हैं ।
नहीं तो कटु शब्दों के वारों से ,
दिलों पे घाव करते हैं ।
नहीं लगाव किसी से
अब इस जहान में मेरे मालिक ।
यहाँ तो लोग
पीछे से वार करते हैं ।
१२• मेरी तनहाई मुझसे ही बात करती है ।
जब मैं नहीं मिलती ,
मेरा इंतज़ार करती है ।
उसे भी पता है...उसके बिना है कौन मेरा ।
इसीलिए तो किसी ओर पे नहीं ,
सिर्फ मेरा एतबार करती है ।
१३• दिन का सूरज अब उजाला नहीँ लाता है ।
रात की चांदनी में गम उभर आता है ।
रैन बीत जाती है , नैन नम रहते हैं ।
अश्कों को पौंछने अब कोई नहीं आता है ।
१४• रुह से निकला हर हर्फ़
सच्चाई बयाँ करता है ।
तेरी बेवफाई का ज़िक्र
हर रोज़ किया करता है ।
तूने रुसवा किया
सरेआम जो मुझे ।
हर दर्द का हिसाब
तनहाई में लिखा करता है ।
१६• परिंदों से सुने थे
कभी कलरव प्यार वाले
आज है वो आलम
परिंदों के जहान में
खंडहर हैं मन के आले
१७• जीवन के अनुभव
सीख हमें दे जाते हैं
मुश्किल में मानुष को
जीने की राह दिखाते हैं
तूफानों से बचाते
मझधारों से पार लगाते हैं
रंज और गम में भी अनुभव हमारे
खुशियों की चादर उड़ाते हैं।
No comments:
Post a Comment