Tuesday, 21 May 2019

वागीश्वरी संस्थान की लहर अब हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक …

नई दिल्ली : दिनांक - 19/05/2019 आईटीओ हिंदी भवन में भारत उत्थान न्यास के मंच पर वागीश्वरी संस्थान से औपचारिक रूप से जुड़े शिक्षक, मीडिया प्रभारी, समाजसेवी …सभी को वागीश्वरी संस्थान की संस्थापक एवम् राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नीरू मोहन वागीश्वरी और आदरणीय डॉ. रमाकांत शुक्ल जी के कर कमलों द्वारा नियुक्तिपत्र प्रदान किए गया ।
डॉ. कामिनी वर्मा एसोसिएट प्रोफ़ेसर भदोई को संस्थान ने राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार के पद पर कार्यरत किया ।
शशिधर शुक्ला जी दिल्ली राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख , अंजलि मुद्गल राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, किरण शर्मा, पुष्प लता , प्रीति जैन, निशि जिज्ञासु जिला स्तर पर , दलजीत कौर दिल्ली उपाध्यक्ष, दिपांक्षी मोहन  ने उपाध्यक्ष एवं प्रीति सनोरिया जी ने महासचिव के रूप में कार्यभार संभाला ।

सम्मानित लेखक /साहित्यकार एवम् समाजसेवक

सादर प्रणाम

विषय : वागीश्वरी उत्कृष्ट महिला सम्मान 2019

आपको यह जानकारी देते हुए अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है कि वागीश्वरी चयन समिति द्वारा आपका चयन वागीश्वरी उत्कृष्ट महिला सम्मान 2019 हेतु हुआ है । वागीश्वरी संस्थान आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है ।

(1) आपको अपना पंजीकरण शुल्क एवं सहयोग राशि 30 मई 2019 तक जमा करना है

(2) बैंक में आपके द्वारा जमा की गई राशि की पर्ची दिए गए वाट्सप no 9810956507, और ई मेल  vssss048@gmail.com पर भेजना अनिवार्य है ।

(3) आपको बैंक में सहयोग राशि जमा करने के बाद फोन कर के पंजीकरण की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करना अनिवार्य है

(4) यदि दिए गए दिशा निर्देश का पालन आप नही करते तो किसी भी असुविधा की जिम्मेदारी वागीश्वरी न्यास की नहीं होगी ।

(5)  इस सम्मान की सहयोग राशि सभी के लिए 2100 रुपए है । आपके द्वारा किया गया सहयोग संस्थान द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यों में योगदान दे सकता है । 

शुल्क जमा करने का विवरण-

बैंक का नाम : पंजाब नेशनल बैंक, मयूर विहार फेज - 2

खाता न. : 4408000100213762

RTGS/NEFT IFS Code :PUNB0440800

Email. vssss048@gmail.com

Whatsapp: 9810956507

वागीश्वरी साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान ( भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड राष्ट्रीय न्यास )


Monday, 13 May 2019

भारत उत्थान न्यास

वागीश्वरी साहित्यिक, सांस्कृतिक एवम् सामाजिक संस्थान के सहयोग और डॉ. वागीश्वरी के मंच संचालन से भारत उत्थान न्यास द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ सफल क्रियान्वन
नई दिल्ली :  दिनांक - 19-05-2019, दिन रविवार
हिंदी भवन आईटीओ में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में 18 राज्यों के विद्वानों को किया गया सम्मानित ।

Friday, 10 May 2019

ग्रीष्मा कालीन अवकाश  …क्यों नहीं 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी भी हकदार ???

ग्रीष्मा कालीन अवकाश  …क्यों नहीं 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी भी हकदार ???

वार्षिक परीक्षा के उपरांत जितनी खुशी नई कक्षा में जाने की होती है उससे कहीं दोगुनी ख़ुशी ग्रीष्मकालीन अवकाश के आगमन की होती है । पूरे साल विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक और सगे - संबंधी इन्हीं दिनों का इंतजार करते हैं । सभी के अधूरे कार्य , मिलना - जुलना , नाना - नानी के घर जाना , सगे संबंधियों से मिलना सभी कुछ पहले से ही तय कर लिया जाता है और बच्चों में तो ग्रीष्मकालीन अवकाश का ज्यादा ही जोश दिखाई देने लगता है ।  अगर हम 30 दशक पीछे जाते है तो पाते हैं कि हमारे समय मैं गर्मियों की छुट्टियों का कुछ अलग ही मजा था ऐसा नहीं कि हमे काम नहीं मिलता था और ऐसा भी नहीं कि हम पूरा दिन खेलते रहते थे बस हमारे समय में पढ़ाई की इतनी मारा मारी नहीं थी आंटी विद्यालयों ने बच्चों और शिक्षकों को कोहलू का बैल समझ रखा है जितना काम लेना है लिए जाओ  बच्चों के स्तर पर ये देखे बिना कि सामने वाले में इतना सामर्थ्य है भी या नहीं । अाज नर्सरी का बच्चा भी ट्यूशन पढ़ता है क्या जरूरत है इसकी ? क्या बच्चों से हम उनका बचपन नहीं छीन रहे ?

आज विद्यालयों ने अपनी मनमानी करनी आरंभ कर दी है चाहे सीबीएसई की गाइडलाइन हो या फिर विद्यालय के अपने नियम कानून । शिक्षा के मंदिरों में भी प्रतिस्पर्धा की दौड़ लगी है । जहां तक प्राइवेट विद्यालय की बात करें तो ग्रीष्मकालीन अवकाश दसवीं और बारहवीं के बच्चों को नहीं प्रदान किया जाता । उपचारात्मक कक्षाएं या यूं कहें कि उनकी एक्स्ट्रा क्लासेज लगा दी जाती है । आज तक यह नहीं समझ आया है कि 10 /15 दिन एक्स्ट्रा क्लास लगा कर क्या संपूर्ण पाठ्यक्रम की पूर्ति हो जाती है । बच्चों को और अध्यापकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश न देना या उपचारात्मक कक्षाओं के नाम पर उन्हें अवकाश के समय बुला लेना कहां तक तर्कसंगत है । पूरे साल भर एक शिक्षक जिस तरह से कार्य करता है वह किसी से छिपा नहीं है गैर सरकारी, प्राइवेट और इंटरनेशनल स्कूलों में जितनी मासिक आय दी जाती है उससे कहीं अधिक अध्यापकों से कार्य लिया जाता है । पय कमिशन के नाम पर जो अाय उन्हें दी जाती है उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है । पूरे साल की मेहनत के पश्चात उत्तम परीक्षा परिणाम देने के बावजूद कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता हां परीक्षा परीणाम संतोषजनक न मिलने पर संबंधित अध्यापिका को कटघरे में जरूर खड़ा कर लिया जाता है ।

जहां तक ग्रीष्मकालीन अवकाश की बात करें तो ग्रीष्मकालीन अवकाश चाहे सरकारी या प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थी एवम् शिक्षक हो सभी को समान रुप से मिलना चाहिए । छुट्टियों के हकदार सभी हैं पूरे साल की भागदौड़ के बाद सभी को आराम चाहिए । सरकार को चाहिए कि एक नियम के तहत यह निश्चित करें कि सभी विद्यालयों को चाहे वे सरकारी, गैर-सरकारी प्राइवेट या इंटरनेशनल स्कूल हो सभी को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा । कुछ गाइडलाइन ऐसी रखी जाए जो सामान्य रूप से सभी स्कूलों के लिए लागू हो जिससे प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोका जा सके । इस विषय पर वागीश्वरी न्यास भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड (एनजीओ) की संस्थापक डॉ. वागीश्वरी की बातचीत कई शिक्षिकाओं से हुई जिनमें सरकारी और प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी थे जिनकी समस्याएं सम्मान थी ।

उपचारात्मक कक्षाओं के नाम पर सिर्फ़ औपचारिकताएं ही पूरी की जाती हैं जिनको आप सभी शिक्षक बेहतर जानते होंगे परंतु कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते क्योंकि नौकरी का सवाल होता है । आपकी इसी मजबूरी का फायदा उठाया जाता है । कई शिक्षिकाओं से बात करके यह अनुभव हुआ कि आज विद्यालयों में चाहे वह अंदरुनी स्तर पर हो या वरिष्ठ वर्ग पर … राजनीति ने घर कर लिया है । आज काम की महत्ता के स्थान पर चाटुकारिता की महत्ता है ।
सभी शिक्षको और बच्चों की ओर से वागीश्वरी संस्थान शिक्षा विभाग  से अनुरोध करता है कि तीस दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश अध्यापकों एवम् 10वीं 12वीं के विद्यार्थियों को निश्चित रूप से मिलना चाहिए यही वह समय है जो विद्यार्थियों और अध्यापकों को नई स्फूर्ति और उमंग का एहसास कराता है और सभी नए जोश के साथ पूरा सत्र कार्य करते हैं ।

उपचारात्मक कक्षाएं सही मायने में विद्यार्थियों की पाठ्यक्रम से संबंधित समस्याओं का उपचार करती हैं तो नहीं इन कक्षाओं में बुला कर आगे का पाठ्यक्रम पूर्ण कराया जाता है और जो बच्चे नहीं आ पाते या किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो पाते तो वह इस लाभ से वंचित हो जाते हैं और स्कूल खुलने पर भी उनको उनकी समस्याओं का समाधान नहीं मिलता । उपचारात्मक कक्षाओं का फायदा तभी है जब कक्षा में 90% से 100% उपस्थिति हो । 50% बच्चों को पढ़ा कर और आगे का पाठ्यक्रम शुरू करवा कर न तो समस्याओं का उपचार किया जा सकता और न ही उनका समाधान ।

ग्रीष्मकालीन अवकाश सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों और अध्यापकों को अनिवार्य रूप से मिलने चहिएं ।
अगर वागीश्वरी संस्थान के माध्यम से यह विचार शिक्षा मंत्रालय या शिक्षा विभाग को पहुंच गया हो तो विचार अवश्य किया जाए । यह आवाज़ सभी की तरफ से है ।

डॉ. नीरू मोहन वागीश्वरी
संस्थापक ( vssss )

work shop पहलादपुर

[ डॉ. नीरू मोहन वागीश्वरी🌸: #एक और मील का पत्थर किया #स्थापित

#वागीश्वरी #साहित्यिक, #सांस्कृतिक एवम् #सामाजिक संस्थान की ओर से शैक्षिक स्तर पर न्यू मदर लैंड पब्लिक स्कूल में आज दिनांक : 08-05-2019 बुधवार कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में विद्यार्थियों की सक्रियता और भागीदारी की जांच हेतु प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया और विजेताओं को संस्थान कि ओर से प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया । विद्यालय प्रशासन ने कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु पूर्ण योगदान दिया । संस्थान की ओर से विद्यालय को अवलोकन रिपोर्ट धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रमाणपत्र और उपहार स्वरूप पुस्तकालय हेतु वागीश्वरी जी द्वारा लिखित पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया ।  वागीश्वरी संस्थान की संस्थापक डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी'  और उनके संस्थान से औपचारिक रूप से जुड़े दिल्ली के सदस्यों ने कार्यशाला को सफल बनाया ।
#प्रीति #जैन जी पूर्वी दिल्ली जिला अध्यक्ष, #अंजलि #मुद्गल जी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, #दलजीत #कौर जी राष्ट्रीय उपसचिव, #दीपांक्षी #मोहन दिल्ली उपाध्यक्ष  के पूर्ण सहयोग से आयोजन सफल हुआ । डॉ. नीरू मोहन ' वागीश्वरी ' संस्थान के सभी सदस्यों का हृदय से आभार व्यक्त करती हैं । भविष्य में अबैक्स, वैदिक मैथ्स और कंप्यूटर एप्लिकेशन से संबंधित कार्यशालाओं के आयोजन की भी संभावनाएं हैं ।  कुछ छाया चित्र आपके समक्ष ।

Monday, 6 May 2019

work shop सब्ज़ी मंडी

नई दिल्ली :  हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु और विद्यार्थियों में भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान उत्पन्न करने के लिए वागीश्वरी संस्थान की ओर से 2804 सब्ज़ी मंडी राजपूताना हॉल दिल्ली 110007 में हिंदी लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें 50 से अधिक बच्चों ने भाग लेकर हिंदी भाषा के प्रति अपनी रुचि और रुझान प्रस्तुत किया प्रतियोगिता में 4 वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों ने भाग लिया ।बच्चों में अपने पसंदीदा विषयों पर लेख प्रस्तुत किए ।  कनिष्क वर्ग के बच्चों ने भी अनेक विषयों पर अपनी क्षमतानुसार अनेक विषयों पर निबंध लिखे । कनिष्क और वरिष्ठ वर्ग दोनों में से प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर संस्था की तरफ से प्रोत्साहित किया गया ।
संस्थान की महासचिव प्रीति सनोरिया जी और अन्य सदस्य उषा गोयल जी एवं राखी सागर जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । बच्चों के द्वारा कलात्मक चार्ट और वगीश्वरी संस्थान का बैनर भी तैयार किया गया । निर्णायक महोदया डाॅ. नीरू मोहन वागीश्वरी जी ने बच्चों के इस कार्य की बहुत सराहना की और कहा कि आज के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है जरूरत है तो उन्हें सही मार्गदर्शन और मार्गदर्शन की जिससे वह अपनी प्रतिभा का सही और उचित जगह पर प्रयोग कर सके और आत्मविश्वासी बन सके ।
बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए डॉक्टर नीरू मोहन वगीश्वरी का यह प्रयास सराहनीय है ।

अमैटी स्वीकृति पत्र

कार्यशाला आयोजन हेतु अनुरोध पत्र

श्रीमान निदेशक महोदय
अमेटी इंटरनेशनल कॉलेज
मानेसर गुरुग्राम
हरियाणा

विषय : हिंदी विषय से संबंधित कार्यशाला एवम् काव्य प्रतियोगिता हेतु स्वीकृति पत्र।

महोदय
सादर नमस्कार ,

हिंदी भाषा उत्थान, बाल विकास और महिला उत्थान को समर्पित वागीश्वरी साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान एक गैर सरकारी संस्था है ।
हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों और समाज के अन्य वर्गों में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान उत्पन्न करना है । विद्यार्थियों में इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु हमारी संस्था आपके सहयोग की अभिलाषी आपके शिक्षण संस्थान में कार्यशाला आयोजित करने की इच्छुक है जिसकी अवधि 1 से 2 घंटे की होगी ।
भविष्य में आपके संस्थान में हम ' मुझ में है कवि ' नाम से एक काव्य प्रतियोगिता करने के भी इच्छुक हैं जिससे उन विद्यार्थियों को मंच मिल पाएं जिनकी लेखनी सिर्फ डायरी तक ही सीमित रह जाती है उनकी अनुभूतियां बंद किताब की तरह किसी कोने में अकेली सिसकती रहती हैं ।

आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में …
वागीश्वरी साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान ( रजि. )
डॉ. नीरू मोहन ' वागीश्वरी '
संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष

Wednesday, 1 May 2019

song

बेटियां होती सच्ची
मां की होती हैं प्यारी
प्यार लुटाती अपना सब पर
बन जाती हैं न्यारी
तभी तो कहते बेटी होती
आंगन की किलकारी
रोते हुए मां बाबा को
पल में हंसना हैं सिखलाती
कभी तो लाठी बनकर
घर की छत का धर्म निभाती
राजदुलारी सबकी बन
ममता का शहर बसाती
लड़की है तो क्या ग़म है
लड़का बनकर दिखलाती
काम सभी कर जाती
अव्वल लड़कों से है आती
बेटियां होती हैं सच्ची
ग़म में हंसना सिखलातीं
दवा खिलाती, चोट सहलातीं
बेटे का फर्ज़ निभाती
एक आंख गर बेटा बनता
बेटी दुजी बन जाती
दोनों आंखों के तारे

फिर क्यों … फिर क्यों
बेटियां कोख़ में मारी जातीं
मारी जातीं

लहर उठी बदलाव की अब है
बंद कभी न होगी
बेटियां जन्मेंगी अब सारी
कोख़ में न दम तोड़ेगी
बदलाव यही बदलेंगे जमाना
बेटियों को हमने है बचना
बेटियों को हमने है बचना