किसान शिवचरण दास वर्मा घर का मुखिया है जो एक बहुत ही साधारण और सीधा इंसान है ।
शिवचरण दास वर्मा को पुश्तैनी खेतिहर जमीन के साथ उसे अपने पूर्वजों से संस्कारों की दौलत भी मिली है ।
जीवनसंगिनी रामदुलारी सरल स्वभाव की महिला है मयके में परिवार के नाम पर एक छोटा भाई है जो साथ ही रहता है। खेतों की रखवाली का काम वहीं करता है। रामदुलारी का भाई थोड़ा लालची है ।
शिवचरण के 4 पुत्र और एक पुत्री है ।
बड़ा बेटा रासबिहारी शौकीन मिजाज़ है।
दूसरा बेटा राधेश्याम पूजापाठ में ज्यादा है।
मंझला बेटा भोलानाथ बुरी संगति का शिकार है जो अधिकतर अपने मित्रो के साथ रहता है पढ़ाई - लिखाई से कोसों दूर ।
श्यामली से बड़ा और भोलानाथ से छोटा रामानुज परिवार में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा है जिसने स्कूली शिक्षा गांव से और आगे की शिक्षा शहर से प्राप्त की है जिसका सपना शहर में ही बसने का है ।
श्यामली सबसे छोटी है । चार भाइयों की लाडली बहन है । चुलबुली और भोली है जो गांव के जमींदार भीम सिंह के बेटे प्रताप से प्यार करती है।
रासबिहारी और राधेश्याम विवाहित हैं।
दोनों बड़े बेटे और शिवचरण खेती की जिम्मेदारी निभाते हैं ।
भोलानाथ खेती में कोई सहयोग नहीं देता ।
रामानुज अभी आगे और पढ़ना चाहता है और शहर में अच्छी नौकरी की तलाश में है। खेतीबाड़ी में उसका कोई लगाव नहीं है अभी उसका शादी का भी कोई इरादा नहीं है।
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