चीकू बंदर, हाथी राजा
कहाँ गई वह परी कहानी
नहीं सुनाती दादी-नानी
राजा-रानी शाम सुहानी
कहती मम्मी काम बहुत है
नानी को आराम पसंद है
दादी गली मोहल्ले जाती
थैला भर सब्ज़ी ले आती
करें क्या अब हम छोटे बच्चे
पुस्तक लेते कलम पकड़ते
रोज़ ही होता यही तमाशा
बंदर वाला कभी न आता
रोज़ सुबह हो जाती है
मम्मी हमें जगाती है
बस्ते में टिफ़न रख देती
स्कूल हमेशा पहुँचाती है
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