****समस्त भारतवासियों को बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई******
अरुण किरण अंबर में छूटी,
नभ में स्वर्णिम लालिमा छाई है |
रंग बसंती सजा धरा पर,
खेतों में हरियाली आई है |
जौ,कनक की बालियाँ,
खेतों में लहराई हैं |
अमल वृक्ष पर भी देखो,
बौरें बिखर के आई हैं |
नव कोपलों का हुआ सृजन,
हर वृक्ष पर चुनर हरी लहराई है |
बसंती रंग की छटा बिखेरती,
आई-रे-आई बसंत पंचमी आई है |
ऋषि पंचमी, श्री पंचमी,
अधिकारिक वसंत पंचमी,
सभी के मन को भाई है |
सरसों के खेतों ने देखो,
अपनी पूर्णत:पाई है |
पीले-पीले फूल सजे हैं,
रंग-बिरंगी तितलियाँ भी भरमाई हैं |
माध मास की पंचमी देखो,
यह कैसी चमक ले आई है |
मन को किया है इसने हर्षित,
शीत ऋतु भी गरमाई है |
माँ शारदे, माँ सरस्वती की कृपा,
प्रकृति के हर रोम-रोम में समाई है |
विद्या की देवी माँ सरस्वती ने,
ज्ञान की ज्योति जलाई है |
आई-रे-आई देखो,
बसंत पंचमी आई है|
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