*चाँद से, फूलों के रथ पर सवार
घर रोशन किया है
नन्हीं परी ने
ईश्वर तुझे कोटि-कोटि प्रणाम
*लक्ष्मी स्वयं चलकर
हमारे घर आई है
बरसों से जो थी
मन में आस
पूर्ण हुई आज
चाँद सी बिटिया पाई है ||
*अनमोल धन पाकर
धन्य हुआ जीवन हमारा
कन्या रूपी प्रसाद
कई सालों बाद झोली में है पाया ||
*चहक उठी आज हमारी
अँगनाई है
फूलों जैसी महक लिए
बिटिया हमारी आई है ||
*दादा-दादी की खुशी का
नहीं ठिकाना है
जब छोटी-सी बिटिया को
गोद में स्नेह से उठाया है ||
*मुख पर एक ऐसा प्रकाश
बिखर आया है
जिसने घर के कोने-कोने में
उजाला फैलाया है ||
*बार-बार कोटि-कोटि प्रणाम
हे ईश्वर तुझे
तेरी अनुकंपा से कन्या रूपी
यह प्रसाद हमने पाया है
यह प्रसाद हमने पाया है |||||
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