Thursday, 18 May 2017

****नीरू के दोहे**** रस की अनुभूति***

१.
****नीरू वाणी बाल की ,
****सुन मिठास भर जाए |
****ज्ञान की ज्योति चाहु ओर,
****बिन प्रयास बिखर जाए |

२.
नीरू सुनत अचंभित ,****
वाणी बाल की आज |****
कण-कण मिसरी घुल गई ,****
सुनी छंद मुख आज |****

३.
****नीरू दे आसीस है ,
****कोमल कपोल को आज |
****बड़े होवे नाम कमाए ,
****बढ़ाएँ गुरू का मान |

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