Thursday, 18 May 2017

‘माँ’ मेरी प्रेरणा

मैं एक छोटी सी नन्ही कली हूँ,
अपने जीवन में आगे चली हूँ|
उस चांद को छूने की चाह को लेकर,
सितारों के नभ में उड़ी हूँ|
मैं एक छोटी सी नन्ही कली हूँ|
अपने जीवन में आगे चली हूँ|
मां ने सिखाया है चलाना और पढ़ना,
दिया है मुझे अपने आंचल का
झरना।
उसी से है सीखा खिलके यूँ  हँसना,
वही तो है मेरी वो ऊँची-सी प्रेरणा।
मैं एक छोटी सी नन्ही कली हूँ,
अपने जीवन में आगे चली हूँ|

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