हाइकु कविता
जल सबका जीवनदाता |
बिन जल मानुष |
जीवन न पाता |
***** जल ही जीवन ****
*जल ही जल
रत्नगर्भा है स्वर्ग
मानुष माने |
*ईश से जग
मंगलप्रद जल
प्राण पखेरु |
*उड़ते जब
जल बिन जीवन
नीरस सब |
*नद, जाह्नवी
जलाशय, जलधि
सूखी गागर |
*बिन है जल
मानुष का जीवन
अस्थि पिंजर |
*कृषक कहे
जीवनदाता जल
बिन सलिल |
*खेती नीरस
खेत-खलियान है
जीवन पाते |
*मन की तृषा
क्षीर करे संतुष्ट
शांत पिपासा |
*मन प्रसन्न
कल्याणकारी ईश
धरा समृद्ध |
No comments:
Post a Comment