आचार विचार संस्कार सभ्य मानव की पहचान
आचार विहीन मानुष है पुंछ रहित पशु समान
विद्या नीति ज्ञान कला सब जिसके पास अपार
वहीं बनाता जीवन में अपनी अलग पहचान
करता जो बड़ों का आदर खूब आशीष है पाता
उसके आगे दुश्मन भी नतमस्तक हो जाता
राह सुगम बन उसकी जाती क्षितिज उसे मिल जाता
दूर गगन से कोमल अंबुद हाथ उसके आ जाता
यही आचार विचार हमारा नीति शास्त्र सीखता
नैतिक मूल्यों को पाकर के जीवन सफल हो जाता
इसीलिए प्रतिज्ञा कर लो पढ़ लो लिख लो जीवन रंग लो
कला निकेतन विद्यालय को उपलब्धि की राह समझ लो
कक्षा में कभी शोर ना करना अनुशासन का पालन करना
विद्यालय की दीवारों को , गन्दा तुम कभी ना करना
पानी पीकर नल बंद करना व्यर्थ इसे कभी ना करना
शौचालय की स्वच्छता का पूरा - पूरा ध्यान भी रखना
सदा सत्य की राह पे चलना शिक्षक डॉक्टर सेवक बनना
अपने देश का मान बढ़ाना मात - पिता का गौरव बनना
नैतिक मूल्यों को अपनाकर स्वयं को अपने पारस करना
कला निकेतन विद्यालय का ध्वज सदैव गगन तक रखना ।
नई दिल्ली दिनांक : 27 जुलाई 2018 कला निकेतन इंटरनेशनल स्कूल गाज़ीपुर में विषय : विद्यालय स्तर पर नीति शास्त्र / आचार शास्त्र का महत्व एवं उपयोगिता पर आधारित भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई । संगोष्ठी का आरंभ मां वागीश्वरी की पूजा अर्चना और दीप प्रज्ज्वलन की परंपरा से हुआ । इस संगोष्ठी में कला निकेतन इंटरनेशनल स्कूल और कला निकेतन विद्या भवन स्कूल के कुल 60 से अधिक अध्यापकों ने सहभागिता की और उक्त विषय पर अपने - अपने विचार प्रस्तुत किए । श्री आर एस सिंह जी , डॉ. नीरू मोहन वागीश्वरी जी एवं श्री ओ पी राय जी ने विषय से संबंधित अपने - अपने विचार व्यक्त किए । विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में नैतिक मूल्यों का महत्व एवं इन मूल्यों को विद्यार्थियों में किस प्रकार स्थापित किया जाए चर्चा का मुख्य अंश रहा क्योंकि आज के परिवेश में बच्चों में मूल्य और संस्कार समाप्त होते जा रहे हैं । पारंपरिक परिवेश लुप्त होता जा रहा है । ऐसे में विद्यार्थियों में हो रहे व्यवहारिक परिवर्तन की जांच करना, उन्हें उचित अनुचित का ज्ञान करना , उन्हें सन्मार्ग की ओर ले जाना हम सभी का दायित्व है क्योंकि आजकल विद्यार्थी भावी देश का कर्णधार है ।
कला निकेतन इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित इस उच्चस्तरीय संगोष्ठी में श्री आर. एस. सिंह प्रधानाचार्य गवर्नमेंट ब्वॉयज सीनियर सैकंडरी स्कूल सीमापुरी, डॉ. नीरू मोहन वागीश्वरी साहित्यकार/शिक्षाविद्/ समाजसेविका ने निर्णायक की भूमिका निभाई । विद्यालय के संस्थापक श्री ओ. पी. राय जी ने विद्यालय की ओर से दोनों विद्यालयों के प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेता अध्यापकों को नकद राशि प्रदान कर प्रोत्साहित एवं सम्मानित किया गया इसी के साथ दो सांत्वना पुरस्कार भी घोषित किए और उन्हें भी नकद राशि प्रदान कर प्रोत्साहित किया ।
वागीश्वरी संस्थान की ओर से भी विजेता अध्यापकों को प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया । सुंदर और सफल आयोजन एवं संचालन हेतु प्रधानाचार्या श्रीमती शिमला राय जी ने विद्यालय से जुड़े नए एवं पुराने सभी अध्यापकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी । कार्यक्रम प्रीतिभोज के साथ संपन्न हुआ ।
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