नीरू मोहन 'वागीश्वरी' … बढ़ते कदम
पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह
बढ़ते कदमों की थाप तले वागेश्वरी संस्थान का प्रथम प्रयास आपके नाम …
आज साहित्य के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में सक्षम नीरू मोहन 'वागीश्वरी का नाम चर्चित नामों में लिया जाता है । वागीश्वरी जी विलक्षण प्रतिभा संपन्न, स्त्री चेतना और शक्ति की जीती जागती मिसाल हैं । उनका लेखन हिंदी साहित्य की अनेकों विद्याओं को समेटे हुए हैं जिसमें मुक्तक, कविता (छंदयुक्त और छंदमुक्त), कुंडलियां, लेख/आलेख, शोध, समीक्षा, नाटक, नुक्कड़ नाटक, आलोचना, भाषण और संवाद इत्यादि मुख्य हैं । उनकी पकड़ हिंदी साहित्य में ही नहीं अपितु जापानी काव्य शैली… हाइकु, तांका, चोका और रेंगा पर भी खूब है ; जिन्हें लिखना अपने में ही एक कला है । उनका कहना है कि "व्यक्ति की पहचान उसके कार्यों से होती हैं नाम से नहीं" कहने को तो हजारों पथिक एक ही पंथ से होकर गुजरते हैं परंतु अपना नाम, पहचान और निशान वहीं छोड़ जाते हैं जो कुछ अलग करते हैं ।
नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जिनके नाम में ही रोशनी, भगवान कृष्ण और विद्या की देवी विद्यमान हो यानी सरस्वती हो, उनके लिए क्या कहा जा सकता है। जिनके नाम में ही सत्य, शालीनता, मिठास, मोहकता, आकर्षण यह सब एक साथ हो तो क्या कहने। नीरू मोहन जी का कार्यक्षेत्र लेखन और शिक्षण रहा है और अंतिम स्वास ही अपने लेखन और शिक्षण को जारी रखना चाहती हैं। इनका मानना है कि समाज में हो रहे गलत कामों के प्रति आवाज उठाने का एक बहुत सशक्त माध्यम है कलम, और वह इसका बखूबी इस्तेमाल कर भी रही है ,और आज साहित्य जगत में एक जाना माना नाम भी है। अपनी कहानियों, लेखों, कविताओं के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों को मिटाने की कोशिश करती रहती हैं, और समाज में जनचेतना का कार्य निरंतर करती चली आ रही है। नीरू जी का व्यक्तित्व ऐसा है कि वह अपने निदंको, आलोचकों को भी अपना गुरु मानती हैं । वह उन सब का धन्यवाद करती हैं कि जिन्होंने उन्हें हतोत्साहित किया, क्योंकि उन्होंने उनकी नकारात्मकता को अपनी प्रेरणा शक्ति बनाया और उसी को आलंबन बनाकर आगे बढ़ कर दिखाया । वे अपनी उपलब्धियों को अपना सर्वस्व मानती हैं तथा उन्हें हमेशा से ही अपने जीवन के रंगीन अध्याय मानती हैं। उनकी मां 'पदम देवी' जी का आशीर्वाद है जो उन्हें जीवन की कठिनाइयों से जूझने की शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है जिससे उनके कार्यों में आई हर बाधा ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद से समाप्त हो जाती है । कामकाजी भारतीय नारी के जीवन में कामकाजी और गृहस्थ जीवन में बहुत-सी मुसीबतें आती हैं जिनको शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद यदि कोई स्त्री समाज में एक मुकाम हासिल करती हैं तो निश्चय ही वह वंदनीय है।
नीरू मोहन जी, वागेश्वरी साहित्य सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान की संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं । इसी संस्थान के तत्वावधान में 6 जनवरी 2019 को हिंदी भवन आई टी ओ दिल्ली में इनकी एक साथ तीन पुस्तकों का विमोचन और सम्मान समारोह देश के सुविख्यात साहित्यकारों, समाजसेवी और अन्य लोकप्रिय गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में होगा ।
पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह में देश के जाने-माने साहित्यकार, शिक्षक, समाजसेवी और अनेकों ऐसी विलक्षण प्रतिभाएं शामिल हैं जो अपनी उपस्थिति से समारोह को रोशन करेंगे और संस्थान के लिए मील का पत्थर साबित होंगे जिससे संस्थान को एक नई दिशा मिलेगी । नीरू जी साहित्य लेखन के साथ-साथ समाज सेवा का भी कार्य करती हैं । वह अनेक ऐसी संस्थाओं से जुड़ी हैं जो समाज के उत्थान के लिए कार्य करती हैं । उनकी संस्था भी तीन स्तरों पर कार्य करती है… साहित्य,संस्कृति और सामाजिक ।
नारी शक्ति और ऊर्जा की सशक्त उदाहरण नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जी ने यह सफर अकेले शुरू किया था जिसमें उनका साथ हर कदम पर उनके पति श्री जीतेन्द्र मोहन जी और उनके दो बच्चों ने दिया आज उनके साथ उनके परिवार वालों का ही साथ नहीं बल्कि आज उनके साथ हजारों ऐसे लोग हैं जो उनके लेखन और अन्य कार्यों को सराहते हैं और प्रत्येक मोड़ पर उनका साथ देते हैं , उनके शुभचिंतकों की सूची बहुत लंबी है। आज सोशल मीडिया पर 4000 से भी अधिक पाठक उनका अनुकरण करते हैं । पाठकों और शुभचिंतकों के प्रोत्साहन से ही उनको और अधिक अच्छा लिखने की प्रेरणा मिलती है । वह कहती हैं कि शिक्षण और लेखन अंत तक उनके साथ रहेगा वह इसे छोड़ नहीं सकती । उनका कहना है कागज़, कलम और शब्द उनके मित्र हैं
वागीश्वरी संस्था का मुख्य उद्देश्य नवांकुर साहित्यकारों/ लेखकों/ शिक्षकों को अवसर प्रदान करना है जिससे वह अपनी प्रतिभा को आगे ला सकें और समाज में अपना स्थान बना सकें । अक्सर देखा गया है कि अनुभवी लोगों की अनगिनत उपलब्धियों के कारण युवा विलक्षण प्रतिभाएं पीछे रह जाती हैं , तो कम से कम उन्हें शुरूआत का मौका मिलना चाहिए जिससे वह भी समाज के सामने अपने कृत्य ला सकें । फेसबुक पर आज कल पैसे देकर सम्मान बटोरने का सिलसिला बड़ी तेज़ी से चल रहा है; जितना मैंने अनुभव किया है उसके आधार पर कहीं न कहीं ये अनुचित है सम्मान प्राप्त करना और बटोरना दोनों अलग - अलग बातें हैं । पैसे देकर सम्मान बटोरने की स्थिति में हम भूख मिटा रहे हैं और प्रतिभा द्वारा प्राप्त करने की स्थिति में संतुष्टि प्राप्त कर रहे हैं ।
वागीश्वरी संस्थान के बढ़ते कदम नवांकुर प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए उठाया गया है । इन सम्मानों के लिए किसी भी प्रकार की सहयोग राशि देय नहीं है । प्राप्त आवेदनों के आधार पर नियमों को ध्यान में रखते और पारदर्शिता को अपनाते हुए विलक्षण प्रतिभा संपन्न प्रतिभाशाली ही सम्मानित किए जाएंगे ।
सम्मान समारोह वागीश्वरी संस्थान के तत्वावधान में नीरू मोहन 'वागीश्वरी' जी की तीन पुस्तकों के लोकार्पण और सम्मान समारोह में 6 जनवरी 2019 रविवार को हिंदी भवन आई टी ओ दिल्ली में आयोजित होगा । पुस्तक लोकार्पण और सम्मान समारोह के साथ - साथ बुक स्टाल कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएगा ।
बढ़ते कदमों की थाप तले … चलते चलो
कारवां बनता जाएगा ।
नीरू मोहन 'वागीश्वरी'
No comments:
Post a Comment