Friday, 6 July 2018

मेरी मौसी

मेरी मौसी माँ के जैसी, प्यार मुझे माँ जैसा देतीं ।
जब भी घर मेरे है आतीं, मेरे मन की चीज़ वो लातीं ।
प्यार से मुझको गले लगातीं, खेल-खिलौने सभी खिलातीँ ।
कहकर मुझको लाल बुलातीं, डांट से मम्मी की हैं बचातीं ।
दूध का कप मम्मी जब लाती, मौसी मुझको पास बुलातीं ।
दूध पिला पूरा मुझको वह, गोदी में अपनी हैं बैठातीं ।
मौसी मेरी सबसे प्यारी, राजदुलारी सबसे न्यारी ।
माँ के जैसा लाड हैं करतीं, बहन के जैसा हठ भी करतीं ।
कभी सख़्त बन जाती पल में, कभी मोम-सा मन धर लेतीं ।
मौसी मेरी माँ के जैसा, प्यार मुझे हर पल हैं देतीं ।

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