रविवार २९ अक्टूबर २०१७ हापुड़ जनपद में प्रथम बार आगमन समूह के तत्वाधान में कविता कुंभ २०१७ के भव्य आयोजन में विशिष्ट और शिष्ट जन की उपस्थिति में काव्य पाठ और कार्यक्रम संचालन का अवसर प्राप्त हुआ । माँ शारदे की उपस्थिति और कृपा से आगमन साहित्यिक समूह की राष्ट्रिय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में सम्मान स्वरूप शॉल और प्रतीक चिह्न प्राप्त कर मैं गौरवांवित हूँ । मैं पिता तुल्य पवन सर और समस्त आगमन परिवार का सहृदय धन्यवाद करती हूँ ।
*मंजिल यूँ ही नहीं मिलती मुसाफिर को अंजान सफर में, विश्वास की डोर ही है जो उसे मंजि़ल तक पहुँचाती है । रास्ते तो बहुत मिल जाते है मगर डगर सही तभी मिलती है जब कोई बड़ा साथ हो और बड़ो का आशीर्वाद साथ हो।***
No comments:
Post a Comment