Tuesday, 14 August 2018

***स्वतंत्र भारत… मेरा भारत*** लेख

वीरों को शत्-शत् नमन करते हुए समस्त देशवासियों को 72वें स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !

***स्वतंत्र भारत… मेरा भारत***
लेख

स्वतंत्र है भारत देश हमारा
इस मिट्टी के हम वासी हैं ।
भारत देश की शान की खातिर
हर राही के हम साथी हैं ।
सीमा की रक्षा पर जो वीर
तैनात हैं भारतवासी हैं ।
उनकी हर कतरे-कतरे पर
हम हिंदवासी आभारी है ।

15अगस्त पूर्ण स्वाधीनता का दिन, देश की आन,बान और शान का प्रतीक, वर्षों की गुलामी के पश्चात प्राप्त स्वतंत्रता का दिन, खुली हवा में सांस लेने का दिल, गर्व और गुमान का दिन । कौन भूल सकता है यह दिन और वह वर्ष जिस दिन हमारे वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे कर देश को अंग्रेजों के चंगुल से आज़ाद करवाया था । वर्षो की गुलामी और कष्टो को सहन करने के पश्चात हमारे वीरों के लहू की एक-एक बूंद की आहुति के बाद हमें यह दिन देखने को नसीब हुआ । आज उन्हीं समस्त वीरों और वीरांगनाओं को शत-शत नमन । वह सभी वीर वंदनीय है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता की खातिर अपना सर्वस्व लुटाया, कष्ट सहे, जेल की यातनाएँ सही और उन वीरांगनाओं को नमन जिन के बलिदानों की खातिर हम आज स्वतंत्र भारत की खुली हवा में जी रहे हैं ।

मंगल पांडे, वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे अनेक अनगिनत बलिदानियों के बलिदान की ख़ातिर आज हम आज़ाद है । जिन्होंने अपने खून का एक-एक कतरा देश पर न्यौछावर कर दिया साथ ही साथ स्वतंत्रता की लड़ाई में महिलाओं ने भी पूर्ण योगदान दिया जिनमें रानी लक्ष्मीबाई, कित्तौड़ की रानी चेनम्मा, हाडा रानी, रानी पद्मिनी, सरोजिनी नायडू आदि महिलाओं ने भी अपने जीवन को देश पर न्यौछावर कर दिया और स्वतंत्रता आंदोलन में अपना पूर्ण योगदान दिया । वैसे तो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी ने स्वतंत्र भारत की नींव रख दी थी और इस संघर्ष से लोहा लेकर 15 अगस्त सन् 1947 के शुभ दिन हमें आजादी प्राप्त हुई और हम ब्रिटिश शासन से पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गए ।

आजादी तो हमें मिल गई मगर आज भी हमारे समक्ष एक प्रश्न मुँह खोले खड़ा है कि क्या हम आज़ाद हैं , क्या किसी देश से स्वतंत्र होना ही आजादी है । आज के संदर्भ में क्या आज़ादी का कोई ओर भी अर्थ है , तो मैं यही कहूँगी कि आजादी का अर्थ अनुशासनहीनता बिल्कुल नहीं बल्कि अनुशासनप्रिय बने रहकर कर्तव्य मार्ग पर चलना स्वतंत्रता है, किसी दूसरे को कष्ट देकर नहीं दूसरे का कष्ट हर कर उसे साथ लेकर चलना आजादी का अर्थ समझाता है । अपने विचारों से स्वतंत्र…अच्छी सोच को लेकर आगे बढ़ना, सहयोग की भावना को कायम रखना, अपने अच्छे विचारों को व्यक्त कर दूसरों को राह दिखाना आजादी कहलाता है । जी हाँ, अपने स्वार्थों को त्याग कर दूसरों की निस्वार्थ भाव से सेवा करना यही सच्ची आज़ादी है जो दूसरों की भलाई के लिए काम आए ।

मैं उन वीरों को नमन करती हूँ जिनके बलिदान की ख़ातिर आज स्वतंत्र भारत की खुली वायु में सांस ले रहे हैं साथ ही साथ उन वीरों को भी नमन करती स्वतंत्र भारत की सीमाओं पर तैनात भारत को और भारत के प्रत्येक जन को हर क्षण सुरक्षित महसूस करवा रहे हैं । उन वीरों को भी नमन करती हूँ जो देश की रक्षा की ख़ातिर सीमाओं पर अपनी जान गंवा देते हैं सिर्फ और सिर्फ इसलिए कि हम सब भारतवासी सुरक्षित रहें और हम पर कोई आंच ना आए और फिर कोई भी पड़ोसी ताकत हमारे देश की तरफ आँख भी न उठा सके नमन है देश के उन सेवकों को जो अपने जीवन का हर क्षण, हर लम्हा देश के विकास की खातिर न्यौछावर कर रहे हैं । देश की खुशहाली, विकास और तरक्की की ख़ातिर अपने जीवन के अस्तित्व तक को बलिदान कर रहे हैं क्योंकि मेरी नजर में केवल खून का कतरा बहा कर ही हम वीर बलिदानी नहीं कहलाते बल्कि आज के संदर्भ में जब हम स्वतंत्र हैं …अपने जीवन का एक-एक क्षण भी अगर दूसरों की भलाई और देश की ख़ातिर खर्च किया जाए वह भी किसी बलिदान से कम नहीं । किसान खेतों में हल चलाकर तपती धूप में हमारे लिए अन्न पैदा करता है । खुद भूखा रहकर हमारा पेट भरता है वह वंदनीय हैं । बीबी प्रकाश कौर जैसी उन सभी महिलाओं को नमन करती हूँ जो देश की अनाथ बेटियों को जिनको जन्म देते ही कूड़े में फेंक दिया जाता है सहारा, माँ की ममता, पिता का प्यार दे रही हैं । उनके जीवन को श्रेष्ठ बनाने में अपना सर्वस्व लगा रही हैं और निस्वार्थ भाव से कहीं ना कहीं देश के हित में कार्य कर रही हैं । आज आजादी की इस पावन बेला पर हम सभी प्रण लेते है कि हम अपने संकीर्ण विचारों को त्याग कर अनुशासन में रहकर कार्य करेंगे जिससे फिर कोई गोरा हमारे देश की तरफ अपनी काली नज़र न डालें ।

देश हमारा सबसे प्यारा सबसे न्यारा है ।
वीरों का यह देश, यह चमन हमारा है ।
भारत की आन, बान, शान तिरंगा
'वंदे मातरम्' राष्ट्रगीत हमारा है ।
माँ भारती की चूनर सतरंगी
यह वतन हिंदोस्तान हमारा है ।

जय हिंद, जय भारत

नीरू मोहन 'वागीश्वरी'

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