नन्हा नवीन वत्सर
नन्हें कदम बढ़ाता
आ गया समक्ष
करो इसका स्वागत
मनाओ खुशियाँ भरपूर
दिन बीतेंगे बढ़ता यह जाएगा
हज़ारों रंग और खुशियाँ
हर पग पर बरसाएगा
बनाना है इसे समृद्ध और खुशहाल
वाणी की मिठास से सबको अपना बनाना है ।
करने है सद्कर्म धरा को निर्मल बनाना है ।
भाईचारे और सद्भाव का विचार चहुँ सिम्त फैलाना है ।
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