Tuesday, 20 March 2018

बेटी (लघु कथा)

बेटी (लघु कथा)

एक लड़की सकुचाई-सी, घबराई-सी अकेली तन्हा …सड़क पर खड़ी …बस के इंतजार में । कुछ मनचले आते हैं । चारों तरफ लड़की के गाना गाते हैं। कभी लड़की को ऊपर से देखें कभी नीचे से देखें । कोई दुपट्टा खींचे , कोई गाने गाए और कोई भद्दे शब्दों से संबोधित करें । लड़की नीचे मुँह करे बस उनकी हरकतों को नज़रअंदाज करती है । लड़के फिर चारों तरफ घूमे लड़की को छेड़ते हुए पूछते हैं…क्या नाम है तुम्हारा ? लड़की घबराते हुए बड़े धीमे स्वर में बोली………बेटी ????

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