Friday, 9 February 2018

नन्हा बीज

विश्व शांति का नाद हूँ मैं
दिनकर की प्रभात हूँ मैं

निश्चल मन का साज़ हूँ मैं
अंतर्मन का तार हूँ मैं

नव उषा का प्रकाश हूँ मैं
पंछी कलरव गान हूँ मैं

निशा का तम भी हूँ मैं
तारों का झुरमुट हूँ मैं

चंद्रज्योत्सना चाँद हूँ मैं
खुला गगन आकाश हूँ मैं

सात रंग का इंद्र धनुष मैं
वर्षा का उंमाद हूँ मैं

कल-कल करता जल तरंग मैं
हिमखंड का हिमपात हूँ मैं

ठंडी-ठंडी वात हूँ मैं
गीत प्यार मलहार हूँ मैं

वीरो का सिरताज हूँ मैं
मंगल गीत और गान हूँ मैं

लोकतंत्र का राज़ हूँ मैं
क्रांति की आवाज़ हूँ मैं

सीमा रक्षक सपूत हूँ मैं
माँ का प्यारा सुत हूँ मैं

मातृभूमि को पावन करता
नन्हा-सा एक बीज (बाल) हूँ मैं ।।

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