*कान्हा के संग होली** मनाए राधा भोली*
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई
*तू रंग मोहे ऐसा लगाए
गिरधारी मोरे प्यारे
ये तेरी राधा लाल हुई
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई
*माहरी चुनरी के रंग हरजाई
वो खेले रंग पानी
मुरारी संग साँझ हुई
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाली हुई
*भीगी चोली बिरज सतरंगी
मैं हुई मुरलीधर की
वो खेले होली ग्वाल सहित
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाली हुई
*आया फोड़न वो मटकी
ग्वालन की
करे अपने मन की
ग्वालिन बाहर आन लगी
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई
*खेलन रंग अबीर ललन से
राधा सखिन घर से
निकल गलियन से
सुभग बेला आज हुई
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मोरी लाल हुई
*कान्हा की राधा प्यारी
खेले होली न्यारी
चुनरी चोली लाल हुई
*मारे भर भर भर पिचकारी
ओ मेरे नंदलाली
चुनर मेरी लाल हुई….
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